मुख्य बातें
- तुलसीदास जयंती आज 23 अगस्त बुधवार के दिन मनाई जाएगी
- गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरित मानस की रचना की थी
हिमशिखर धर्म डेस्क
सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास जयंती आज 23 अगस्त दिन बुधवार को मनाई जा रही है। तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के एक महान कवि थे। रामचरित मानस जैसे महाकाव्य की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने ही की थी। तुलसीदास की इस रचना ने उन्हें अमर कर दिया। रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का काव्य रूप में वर्णन किया है। कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास को प्रभु श्रीराम के साक्षात दर्शन हुए थे। तुलसीदास जी ने ही भगवान श्रीराम के जीवन को रामचरितमानस में दर्शाया है। तुलसीदास जी के प्रेरणादायक दोहे जिसने जीवन में अपना लिए उसकी तरक्की तय है। इन दोहों में सफलता का राज छिपा है। आइए जानते हैं तुलसीदास जी के मोटिवेशनल कोट्स-
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसे एक ।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसे एक ।
अर्थ- गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं, विपत्ति के समय में आपको घबराकर हार नहीं माननी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको अपने अच्छे कर्म, सही विवेक और बुद्धि से काम लेना चाहिए। मुश्किल समय में साहस और अच्छे कर्म ही आपका साथ देते हैं।
राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।
अर्थ-तुलसीदास जी कहते है अगर आप अपने चारों तरफ खुशहाली चाहते हैं तो अपने वाणी पर काबू रखें। गलत शब्द बोलने की जगह राम नाम जपते रहिए इससे आप भी खुश रहेंगे और आपके घरवाले भी खुश रहेंगे।
नामु राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु।
जो सिमरत भयो भाँग ते तुलसी तुलसीदास।
जो सिमरत भयो भाँग ते तुलसी तुलसीदास।
अर्थ- राम का नाम लेने से आपका मन साफ रहता है। किसी भी काम को करने से पहले राम का नाम लीजिए। तुलसीदास जी भी राम का नाम लेते-लेते अपने आप को तुलसी के पौधे जैसा पवित्र मानने लगे थे।
तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर।
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।
अर्थ-तुलसी दास जी कहते हैं सुंदर रूप देखकर न सिर्फ मूर्ख बल्कि चतुर इंसान भी धोखा खा जाते हैं। जैसे मोर दिखने में बहुत सुंदर लगते हैं लेकिन उनका भोजन सांप है।