देहरादून ।
भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन पर इस साल पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा। दरअसल, मुहूर्त शास्त्र के अनुसार भद्राकाल के समय को बहुत ही अशुभ माना जाता है। भद्रा के कारण राखी बांधने के लिए बहनों को इस साल कम समय मिलेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 अगस्त की रात 8 बजकर 53 मिनट से 9.21 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।
श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा की तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 6 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही भद्रा काल शुरू हो जाएगी, जो शाम को 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। रक्षाबंधन का एक आवश्यक नियम यह है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है। 11 अगस्त को भ्रदा के दौरान चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, इस कारण से भ्रदा का वास पाताल लोक में माना जाएगा। लेकिन इसका असर पृथ्वीवासियों पर भी पड़ेगा। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 11 अगस्त को भ्रदा की समाप्ति होने पर यानी रात 08 बजकर 53 मिनट से 9 बजकर 21 मिनट के बीच राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। इसके साथ ही 12 अगस्त को सुबह सूर्योदय से 7 बजकर 7 मिनट तक भी राखी बांधी जा सकेगी। 12 अगस्त को पूर्णिमा सूर्योदय व्यापिनी तो है पर 3 मुहूर्त से कम है। इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन मनाना शास्त्रीय नहीं होगा।
बदरीनाथधाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, उत्तराखण्ड विद्वत सभा के पूर्व अध्यक्ष पं उदय शंकर भट्ट और ज्योतिषाचार्य बसुदेव प्रसाद सेमवाल के अनुसार रक्षाबंधन में भद्रा स्वर्ग-पृथ्वी या पाताल कहीं भी हो, रक्षाबंधन नहीं हो सकता है। शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधी जानी चाहिए।