नई दिल्ली।
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ी अंजीर कहे जाने वाले बेडू (Himalayan fig) का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ प्रशासन के द्वारा बेडू के उत्पादन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन व खनिज एवं वनस्पतियों के संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
पीएम मोदी ने कहा कि ”उत्तराखंड में कई प्रकार के औषधि और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। जो हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। उन्हीं में से एक फल है – बेडू। इसे, हिमालयन फिग के नाम से भी जाना जाता है। इस फल में, खनिज और विटामिन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। लोग, फल के रूप में तो इसका सेवन करते ही हैं, साथ ही कई बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग होता है। इस फल की इन्हीं खूबियों को देखते हुए अब बेडू के जूस, इससे बने जैम, चटनी, अचार और इन्हें सुखाकर तैयार किए गए ड्राई फ्रूट को बाजार में उतारा गया है। पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल और स्थानीय लोगों के सहयोग से, बेडू को बाजार तक अलग-अलग रूपों में पहुँचाने में सफलता मिली है। बेडू को पहाड़ी अंजीर के नाम से branding करके online market में भी उतारा गया है। इससे किसानों को आय का नया स्त्रोत तो मिला ही है, साथ ही बेडू के औषधीय गुणों का फायदा दूर-दूर तक पहुँचने लगा है।”
औषधीय गुणों से भरपूर है बेड़ू
बेड़ू फल की विशेषताएं औषधीय गुणों से भरपूर बेड़ू में बिटामिन सी, प्रोटीन, फासफोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है फेफड़ों की बीमारी में लाभदायक त्वचा संबंधी और संक्रमण रोकने में कारगर कुमाऊं और गढ़वाल में दोनों स्थानों पर बेड़ू मिलता है।
बेड़ू का वानस्पतिक नाम फाइकस केनयाटा है। इसे हिमालयन फिग नाम से जाना जाता है। इसे फेडू भी कहा जाता है। यह मध्य हिमालय में समुद्र तल से सात सौ लेकर 1800 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। यह कुमाऊं और गढ़वाल में दोनों स्थानों पर पाया जाता है।
वन्यजीव और पक्षी खाते हैं फल
बेड़ू फल पकने पर हल्की कालिमा या नीला रंग लिए होते हैं स्वाद में मीठे हो जाते हैं। जंगली जानवरों व पक्षी इसके फलों को खाते हैं। बेड़ू पत्त्तियों से निकलने वाले दूध जिसे स्थानीय बोली में चोप कहते हैं।