नीम करोली बाबा के लाखों भक्त हैं। उनके भक्त भारत से विदेशों तक फैले हैं। एप्पल के सीईओ से लेकर फेसबुक के संस्थापक जैसी हस्तियां बाबा का अलौकिक आशीर्वाद ले चुकी हैं। उनके भक्तों के साथ बाबा के जीवन काल में या उनके जाने के बाद, कुछ अलौकिक दिव्य चमत्कारिक अनुभव हुए हैं।
हिमशिखर धर्म डेस्क
बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे।
बाबा जी के भक्त केहर सिंह की जीभ के नीचे माँस का एक बड़ा लोथड़ा उभर आने से खाने-पीने में कष्ट देता। डाक्टरों को दिखाने के बाद बताया गया किया कि यह कैन्सरस ग्रोथ है। केहर सिंह जी बहुत दुखी हो – आदि गये कि – कैन्सर का कोई इलाज नहीं है, बच्चे छोटे हैं, मेरे बाद इनका क्या होगा, बाबा जी भी पता नहीं कहाँ हैं, उन्हीं से कुछ कहता।
तभी कुछ ही अर्से बाद महाराज जी आ पहुँचे लखनऊ। और उस दिन जब शाहंशाह कोठी के पास (गोमती किनारे) मेहरोत्रा जी एवं प्रेमलाल जी के साथ बाबा जी मिले तो पहले तो उन्होंने सूरज बाबू से कहा कि, “मेरे लिए पानी ले आ।” फिर प्रेमलाल जी से कहा—“दाँत खोदने को एक सींक ले आ।” जब दोनों विदा हो गये तो केहर सिंह जी को पास खींचकर कहा, “अब बता, क्या कहना चाहता है।”
विह्वल होकर चौधरी साहेब ने अपनी दशा कह अपना दुखड़ा रोया। तभी बाबा जी ने उन्हें अपने सीने से चिपटा लिया और अपनी दाहिनी हथेली से उनके सिर को कई बार जोर से मल दिया, फिर चेहरे पर भी हाथ फेर दिया और फिर छोड़ दिया, पर कहा कुछ नहीं। कुछ ही दिनों में वह कैन्सरस ग्रोथ कहाँ गई डाक्टरों के लिये भी यह एक अजूबा ही बना रहा। पता न चला !!