हिमशिखर ब्यूरो
नई टिहरी।
टिहरी बांध प्रभावितों ने टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग पर प्रभावितों के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए आंशिक डूब संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा, पूर्व प्रधान प्रदीप भट्ट पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पुनर्वास के लिए अगस्त 2021 में 274 की धनराशि जारी की गई है। लेकिन टीएचडीसी पुनर्वास विभाग को धनराशि जारी नहीं कर रही है। जिस कारण प्रभावित परिवारों को 74 लाख 40 हजार की धनराशि नहीं मिल पा रही है।
उन्होंने कहा कि सम्पर्श्विक क्षति नीति से प्रभावित ग्रामों-खाड(धार मंडल), उठड़, भटकन्डा (लुटा) पिपोला खास, गडोली शिलाउप्पु आदि गाँव कि पात्रता बनाकर शीघ्र प्रतिकर भुगतान किया जाय टी०एच०डी०सी० के पास अगस्त 2021 में आ चुकी है। जिसकी धनराशी ग्राम पयाल गॉव (कोटेश्वर घाटी) का 2016-17 कि सर्वे के आधार पर शीघ्र विस्थापन किया जाय।टी०एच०डी०सी०, भूगर्भीय समिती एवं पुनर्वास विभाग कि 2022 कि सर्वे रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जाए।सम्पर्श्विक क्षति नीति 2013 की समिक्षा की जाय। टिहरी बांध / कोटेश्वर बांध परियोजना से प्रभावितों कि समस्त समस्याओं का सामाधान टी०एच०डी०सी० स्वंय करे क्योकि टी०एच०डी०सी० का ग्रामीणों के विस्थापन के संबंध में सकारात्मक रवैया नहीं है।टिहरी झील से प्रभावितों कि समस्त समस्याओं कि समाधान हेतु गठित मंत्री मण्डलीय उपसमिती की बैठक कर समस्त समस्याएं हल की जाए।
पुनर्वास नीति 1998 की भाँति सम्पर्श्विक क्षति नीति 2013 में भी ग्रामीणों दुकानदारों को भी विस्थापन (मुआवजा दिया जाय । ग्राम / भल्डगॉव, संराश गाँव, नन्दगाँव, बड़कोट आदि गाँव के पूर्व में विस्थापित परिवारों कि शेष परिसम्पतियों का शीघ्र भुगतान किया जाय ।सम्पर्श्विक क्षति नीति से प्रभावित परिवारों को प्रभावित भूमि का 2010 से फसलाना दिया जाय इस पर मा० आयुक्त गढवाल मण्डल की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति में निर्णय लिया जा चुका है। पुनर्वास नीति 1998 कि भाँति सम्पर्श्विक क्षति निती में भी इस प्रावधान को रखा जाये जिस गॉव के 75% परिवार टिहरी बांध से प्रभावित हो गये हों उस गाँव के शेष 257 परिवारों को भी पूर्ण विस्थापन की श्रेणी में रखा जाये। पत्रकार वार्ता में प्रेम सिंह राणा, प्रताप सिंह राणा उपस्थित रहे ।