नई टिहरी।
लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे कोटेश्वर बांध परियोजना से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों ने टीएचडीसी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कोटेश्वर बांध के निकट चक्का जाम शुुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने जल्द उनकी मांग का समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
सोमवार को कोटेश्वर बांध परियोजना से प्रभावित पयाल गांव के ग्रामीणों ने कोटेश्वर बांध के निकट ट्रक रोककर चक्का जाम शुुरू कर दिया। ग्रामीणों ने टीएचडीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भागीरथी भिलंगना घाटी आंशिक बांध प्रभावित संघर्ष समिति अध्यक्ष सोहन सिंह राणा का कहना है कहा कि टीएचडीसी की चार सौ मेगावाट जल विद्युत परियोजना कोटेश्वर बांध से कई गांव प्रभावित हैं, जिसमें से पयाल गांव भी शामिल है। उन्होंने कहा पूर्व में पयाल गांव के नीचे कोटेश्वर बांध परियोजना का डीजल पावर हाउस बनाया गया था, लेकिन बांध की झील बनने के बाद भूस्खलन होने से परियोजना को अपना डीजल पावर हाउस दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। लगातार भूस्खलन के चलते पयाल गांव के ग्रामीणों की सिचिंत भूमि, भवन और सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
पूर्व प्रधान उम्मेद सिंह सजवाण का कहना है कि 2015 में एक संयुक्त एक्सपर्ट कमेटी ने निरीक्षण कर गाँव के लिए खतरा बताया था। लेकिन अभी तक विस्थापन का मामला टीएचडीसी की फाईलों में ही रेंग रहा है, जिस कारण लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं।
धरना देने वालों में राधा देवी, बसंती देवी, आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।