हिमशिखर ब्यूरो
पौड़ी। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद रिपोर्ट दर्ज न करने और समय पर जांच न करने को लेकर राजस्व पुलिस की भूमिका पर भी अब कई सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि अंकिता 18 सितंबर को रिजॉर्ट्स से गायब हो गई थी। अगले ही दिन 19 सितंबर को शाम उसके पिता वीरेंद्र भंडारी ने पटवारी वैभव प्रताप सिंह को इसकी सूचना दी। लेकिन पटवारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और उसी दिन दूसरे पटवारी विवेक कुमार को चार्ज देकर छुट्टी पर चला गया। वैभव का यह रवैया उसे शक के दायरे में ला रहा है। हालांकि, यह तो एसआईटी की जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन उसका छुट्टी जाने को पुलकित से गहरी दोस्तों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
वैभव का इस तरह छुट्टी पर जाना संयोग है या वाकई उसने पुलकित को दोस्तों को निभाया, इस बात की सच्चाई अब जांच के बाद सामने आएगी। वहीं, मंगलवार को जिलाधिकारी डा. वीके जोगदंडे ने सूचना छिपाने और दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने पर पटवारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है।