उत्तरकाशी
निम का प्रशिक्षण दल द्रौपदी का डांडा में एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंसे हैं। इसमें से नौ की मौत हो गई है, जबकि कई प्रशिक्षणार्थी अभी फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। द्रोपदी के डांडा में क्रेवास में फंसे आठ लोगों को निम ने रेस्क्यू कर निकाल दिया है।
बताया गया है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 34 ट्रेनी पर्वतारोहियों और सात ट्रेनर्स की एक टीम लौटते समय हिमस्खलन में फंस गई। 9 शव देखे गए, जिनमें से चार को बरामद कर लिया गया है। हिमस्खलन सुबह 8.45 बजे हुआ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर बताया है कि हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही प्रशिक्षार्थियों को बचाने के लिए जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार आज सुबह करीब नौ बजे हिमस्खलन की घटना हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही द्रौपदी के डंडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षुओं को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीमें देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।
वहीं इस घटना की खबर मिलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी। सीएम धामी ने एक ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों की एक टीम पहले ही बचाव अभियान शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात भी की और बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी।
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि “जनहानि से दुखी हूं।’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के सीएम से बात करके हालात का जायजा लिया है। रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि पर्वतारोहियों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है, जो अभी भी फंसे हुए हैं।