हिमशिखर खबर ब्यूरो
गजा (डीपी उनियाल)
नरेन्द्रनगर प्रखंड के रौंदेली गांव निवासी टंखी सिंह राणा एम.एस. देहरादून कार्यालय से कोरोनाकाल में सेवानिवृत्त हुए तो उन्होंने अपने गांव की पुश्तैनी खेती और मकान की ओर रुख किया। रौंदेली गांव में टूट चुके मकान के बजाय गजा तमियार रोड पर 9 किलोमीटर पर अपनी पुरानी 200 नाली जमीन तथा पुरानी छानी (मकान) को फिर से लहलहाने का मन बनाया। पुश्तैनी जमीन पर खेती बाड़ी का काम शुरू किया। इन्हीं खेतों में बहुत सालों पहले लहसुन, तम्बाकू, अदरक, मटर, मक्का, राई,पालक, गेंहू, अरहर (तोर) की खूब फसल हुआ करती थी, यही सोचकर टंखी सिंह राणा ने सेवानिवृत्त होने के बाद यहां अपना आशियाना बनाया है और अब राई, मटर, अरहर मक्का लहसुन पैदा कर रहे हैं।
टंखी सिंह मन मसोस कर कहते हैं सुविधाओं के अभाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहते हैं कि पानी और बिजली की बड़ी समस्या है। पानी एक किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोत से लाना पड़ता है तो प्रकाश व्यवस्था के लिए सौर ऊर्जा प्लेट लगाई गई है, जबकि आधा किलो मीटर दूर दूसरे मकान तक बिजली की लाइन है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सौडू नामक यह तोक प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।