क्या सोमबारी बाबा और नीब करोरी बाबा के बीच कोई सम्बंध था?

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

क्या नीब करोरी बाबा के जीवन काल में ही सोमबारी बाबा भी इस पृथ्वी पर सदेह थे?

प्रभु नीब करोली जी महाराज का अवतरण 1900 के आस पास गांव अकबरपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। बाबा ने पंचभौतिक शरीर 1973 मैं त्यागा। वहीं, सोमबारी बाबा जी का जन्म आज के पाकिस्तान में पिण्डदादनखाँ नामक स्थान में सन् 1860 के लगभग माना जाता है।

कुछ लोगों का मानना हैं की सोमबारी बाबा का अवतरण 1808 मैं हुआ था। कुछ लोगों का मानना था की बाबा शिव क़े अवतार थे और कुछ का तर्क यह था की बाबा हैड़ाखान शिव अवतार और सोमबारी सोमबारी बाबा विष्णु क़े अवतार थे . वास्तव मैं बाबा बहुत ही उच्च कोटि क़े संत थे . खुद हैड़ाखान बाबा ने ये कई बार कहा की “सोमबारी बाबा तो सन्तो क़े भी संत अर्थात परम संत हैं ” . सोमबारी बाबा जी प्रचार , प्रसार और आडम्बरों से बहुत दूर थे , यही कारण हैं की बाबा क़े बारें मैं ज्यादा साहित्य और कथाएं नहीं ज्ञात हैं . बाबा क़े फोटो भी 2 या 3 ही मिलेंगे।

नीब करोली महाराज, हमारे सोमबारी बाबा को बड़ा प्रेम करते थे। यही कारण था की सोमबारी बाबा क़े समाधी लेने क़े कई सालों बाद , नीब करोली महाराज कुर्मांचल (हिमालय ) मैं आये और बाबा सोमबारी जी क़े तप स्थान पर मंदिर का निर्माण किया.कहा जाता है कि कैंची (रानीघाट) में मन्दिर बनाने की प्रेरणा सोमवारी महाराज ने नीम करौली बाबा को स्वप्न में दी।

कैंची धाम मैं हनुमान जी क़े मूर्ति के ठीक पीछे एक छोटी सी गुफा हैं जहाँ पर सोमबारी बाबा जी ने तप किया था। मारुती नंदन नीब करोली बाबा जी के आशीर्वाद सै उस जगह का जीर्णोद्धार किया गया।

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