भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जून 2024 तक के लिए कार्यकाल में विस्तार मिल गया है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने समर्थन दिया। इसका अर्थ है कि इस साल होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगला लोकसभा चुनाव जेपी नड्डा के नेतृत्व में लड़े जाएंगे। पार्टी ने भरोसा जताया है कि भाजपा बड़े अंतर के साथ इन चुनावों में जीत दर्ज करेगी।
हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली: दिल्ली में दो दिनों से चल रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ खत्म हो गई। पीएम ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में सिर्फ 400 दिन बचे हैं। ऐसे में पार्टी पदाधिकारियों और हर एक कार्यकर्ता को एक-एक वोटर से मिलने उनके दरवाजे तक जाना चाहिए।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंगलवार पार्टी के अध्यक्ष को लेकर एक बड़ा फैसला हुआ। मौजूदा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया। उनका कार्यकाल अगले साल जून 2024 तक होगा। इसका मतलब यह हुआ कि लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की उम्मीद पहले से ही लगाई जा रही थी और मंगलवार कार्यकारिणी के दूसरे दिन इस फैसले पर मुहर लग गई। जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने 20 जनवरी को खत्म हो रहा था। गृह मंत्री अमित शाह को भी पिछले लोकसभा चुनाव से पहले विस्तार मिला था और उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। पार्टी को मिली शानदार जीत के बाद संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त होकर वह सरकार में शामिल हो गए और गृह मंत्री बने। यानी लोकसभा चुनाव से पहले ठीक वैसा ही फैसला जैसा पहले अमित शाह के लिए किया गया।
पहली बार जेपी नड्डा को जनवरी 2020 में निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया
जगत प्रकाश नड्डा को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पहली बार जनवरी 2020 में निर्विरोध चुना गया। उन्होंने अमित शाह की जगह ली। वह पार्टी के 11 वें राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उनका पहला कार्यकाल 3 वर्षों के लिए था। अमित शाह के मंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा इससे पूर्व बतौर कार्यकारी अध्यक्ष 8 महीने तक पार्टी का कामकाज देखते रहे।
क्यों मिला कार्यकाल में विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बेहतर तालमेल के कारण जेपी नड्डा को कार्यकाल में विस्तार मिला है। चूंकि, इसी साल नौ बेहद महत्त्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले ही वर्ष लोकसभा का चुनाव होना है, भाजपा इस समय अपने संगठन में बड़े बदलाव का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। नड्डा का पूरे संगठन से बेहद अच्छा तालमेल भाजपा के लिए बेहतर साबित हुआ है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने लोकसभा, विधानसभा और उपचुनाव सहित कुल 120 से ज्यादा चुनाव लड़े हैं, जिसमें उसे 73 पर जीत हासिल हुई है। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उनका यह प्रदर्शन बेहद शानदार है।
2010 से केंद्रीय राजनीति में कदम रखा
जेपी नड्डा हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखते हैं। उन्होंने 2010 में हिमाचल के तत्कालीन CM प्रेम कुमार धूमल से अनबन के बाद मंत्री पद छोड़कर केंद्रीय राजनीति में जाने का निर्णय लिया। इसके बाद वह वापस हिमाचल की राजनीति में नहीं लौटे।
नड्डा का हिमाचल से दिल्ली का सफर
- 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त नड्डा ने BJP मुख्यालय से पूरे देश में पार्टी की चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की।
- वर्ष 2010 में मंत्री पद से इस्तीफा देकर दिल्ली गए।
- नवंबर 2014 में जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने
- पार्टी ने जनवरी, 2019 में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा। शाह ने गठबंधन की काट के लिए 50 प्रतिशत वोट शेयर का टारगेट तय किया था। नड्डा ने अपनी रणनीतियों के दम पर 49 फीसदी से अधिक वोट शेयर पार्टी के लिए जुटाने में सफल रहे और BJP और सहयोगी अपना दल ने कुल मिलाकर 64 सीटें जीतीं
- 20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सितंबर 2022 में उनका कार्यकाल एक साल बढ़ाया गया।
- आज फिर से नड्डा का कार्यकाल जून 2024 किया गया।