जगमगाई महाकाल की नगरी, 18 लाख 82 हजार दीये जलाने का विश्व रिकार्ड बना

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

शिव-पार्वती के विवाह उत्सव शिवरात्रि पर देशभर के शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। महाशिवरात्रि की शाम ज्योतिर्लिंग ‘महाकाल’ की नगरी उज्जैन दीयों से जगमगा उठी। उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में क्षिप्रा नदी के तट पर एक साथ 18 लाख 82 हजार दीये जलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। इससे पहले, अयोध्या के दीपोत्सव में एक साथ 15 लाख 76 हजार दीये जलाने का रिकॉर्ड था। यह पूरा कार्यक्रम जीरो वेस्ट था। कार्यक्रम के दौरान अद्भुत लेजर शो भी हुआ।

इस अद्भुत और अविस्मरणीय पल के साक्षी सीएम के साथ देशभर से जुटे लाखों लोग बने। उल्‍लेखनीय है कि ‘शिव ज्योति अर्पणम्’ नाम से होने वाला ये कार्यक्रम जीरो वेस्ट अवधारणा पर आधारित रहा, जिसमें उपयोग लाई हर सामग्री को पुन: उपयोग में लिया जाएगा।

महाकाल के कपाट सुबह 3 बजे खुले, 44 घंटे तक लगातार दर्शन
उज्जैन में महाकालेश्वर के कपाट सुबह 3 बजे से खोल दिए गए हैं। भस्मारती के समय से ही श्रद्धालु मंदिर में महाकाल दर्शन कर रहे हैं। अब 19 फरवरी की रात तक गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे। इस तरह महाकाल अपने भक्तों को लगातार 44 घंटे तक दर्शन देंगे। इस दौरान महाकाल का दूल्हे के तौर पर श्रृंगार किया जाता है।

महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल को सेहरा बांधकर उनका दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया है।
महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल को सेहरा बांधकर उनका दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया है।

साल में एक बार दिन में 12 बजे महाकाल की भस्म आरती
शिवरात्रि के अगले दिन यानी 19 फरवरी को सुबह 11 बजे महाकाल का सेहरा उतारा जाएगा। उनके स्वर्ण आभूषण लॉकर में रखकर सील किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से भस्म आरती होगी, जो साल में एक बार ही दिन में आयोजित की जाती है।

महाकाल की भस्म आरती शिवरात्रि के अगले दिन दोपहर 12 बजे आयोजित की जाती है।
महाकाल की भस्म आरती शिवरात्रि के अगले दिन दोपहर 12 बजे आयोजित की जाती है।
उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के लिए 21 लाख दीये और सामग्री पहुंच चुकी है।
उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के लिए दीये और सामग्री एक दिन पहले पहुंची।

काशी विश्वनाथ में सोने के मंडप में शिव विवाह, बाबा दूल्हा बने

वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के विवाह के लिए खास आयोजन किए जा रहे हैं। यहां मंदिर परिसर में स्वर्ण मंडप के नीचे शिव विवाह का आयोजन किया गया है। इससे एक दिन पहले महादेव के साथ विवाह की सभी रस्में निभाई गई। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर बाबा को हल्दी लगाई। दोपहर से निकलने वाली शिव बारात करीब 12 घंटे का सफर तय कर विश्वनाथ मंदिर पहुंची, जहां शिव विवाह का आयोजन किया गया।

नीचे तस्वीरों में देखिए, शिव के महापर्व का उत्साह…

वाराणसी में शुक्रवार की रात को गंगा आरती के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।
वाराणसी में रात को गंगा आरती के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।
गंगा आरती के दौरान महादेव की आरती करते हुए पुजारी, शुक्रवार से ही यहां उत्सव जैसा माहौल है।
गंगा आरती के दौरान महादेव की आरती करते हुए पुजारी, शुक्रवार से ही यहां उत्सव जैसा माहौल है।

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