उत्तराखंड: भूकंप से कांपा पिथौरागढ़, रिक्टर स्केल पर 4.4 रही तीव्रता

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले (Pithoragarh) में बुधवार (22 फरवरी) दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर ऑफ़ सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंपमापी यंत्र पर 4.4 मैग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया।

पिथौरागढ़ में बुधवार दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 4.4 मैग्नीट्यूड मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप के झटके बुधवार दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर महसूस किए गए हैं। भूकंप के केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 143 किलोमीटर ईस्ट था, भूकंप के झटके भारत-चीन और नेपाल में भी महसूस किए।

क्‍यों आता है भूकंप

भूकंप कैसे और क्‍यों आता है इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा। दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

क्‍या होता है भूकंप का केंद्र? (What is the epicenter of an earthquake?)

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्‍थान पर भूकंप का असर सबसे ज्‍यादा होता है और सबसे तेज कंपन होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है। लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। ये इस बात का निर्भर करता है कि भूकंप की आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में है। अगर कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है तीव्रता? (How is intensity measured?)

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है। रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *