हिमशिखर खबर ब्यूरो
चंबा: बच्चों को स्कूली शिक्षा के शुरूआती बुनियादी स्तर पंचकोश विकास सिद्धांत पर आधारित होंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) देश में पंचकोशी व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू करने जा रही है। यह जानकारी एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने चंबा में साझा की।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केंद्रित शिक्षा की बात करती है। जो विद्यार्थियों के समग्र विकास और सांस्कृतिक जुड़ाव और देश के लिए उपयोगी नागरिकों को तैयार करने के उद्देश्य से लाई गई है। इस शिक्षा नीति की अवधारणा भारत की संस्कृति, गौरव और ज्ञान से विद्यार्थियों से जोडना है। समग्र विकास के लिए पंचकोश आधारित शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी ने बुनियादी स्तर पर पारंपरिक भारतीय पंचकोश विकास पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। गुरुवार को चंबा में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे एनसीईआरटी के निदेशक प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि स्कूली शिक्षा के शुरूआती बुनियादी स्तर पर पंचकोश विकास सिद्धांत पर आधारित पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू हो जाएगा। इसके जरिए भारतीय शिक्षा के इतिहास में नवीन अध्याय आरंभ किया जा रहा है। इसको सीखने और सीखाने की पंचकोशीय अवधारणा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। जिससे कि बच्चों को तनावमुक्त सीखने का वातावरण मिलेगा। साथ ही बच्चे खेल और खिलौने से आनंदपूर्वक सीख सकेंगे। एनसीईआरटी समयबद्ध तरीके से एनईपी को पूर्णरूप से लागू करने की दिशा पर कार्य कर रही है।
प्रो सकलानी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है। कहा कि नई शिक्षा पाॅलिसी के जरिए पीएम मोदी का मकसद बच्चों में तनाव दूर कर उन्हें खेल-खेल में सिखाना और नई खोजों के लिए प्रोत्साहित करना है। नई शिक्षा नीति का लक्ष्य बच्चों में डिस्कवरी और एक्टिविटी की भावना को बढ़ावा देना है।
पंचकोश
तैत्तिरीय उपनिषद में पंचकोश का विस्तार से वर्णन किया गया है। योग की धारणा के अनुसार मानव का अस्तित्व पांच भागों में बंटा है, जिन्हें पंचकोश कहते हैं। ये पांच कोश हैं-
- अन्नमय कोश
- प्राणमय कोश
- मनोमय कोश
- विज्ञानमय कोश
- आनंदमय कोश
प्रो. सकलानी का चंबा पहुंचने पर किया भव्य स्वागत
चंबा। एनसीईआरटी के निदेशक प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी का चंबा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रो. सकलानी का शाल ओढाकर सम्मान किया गया।
एनसीईआरटी का निदेशक बनने के बाद पहली बार गृह जनपद पहुंचने पर प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी का यहां नगर में जोरदार स्वागत किया गया। पालिका सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पालिका अध्यक्ष सुमना रमोला ने कहा कि प्रो सकलानी ने टिहरी का नाम देश में ऊंचा किया है। कवि सोमवारी लाल सकलानी ने कहा कि प्रो. सकलानी शून्य से शिखर तक पहुंचे हैं, जो कि क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। कहा कि प्रो. सकलानी बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद एचएनबी गढ़वाल विवि में इतिहास के प्रोफेसर रहने के दौरान प्रो सकलानी सैकड़ों छात्रों को पीएचडी करा चुके हैं। इस मौके पर प्रो सुनीता गोदियाल, डा पवन, डा प्रेम बहादुर, पालिका ईओ उपेंद्र तिवाडी, सूरज राणा, सभासद शक्ति जोशी, रघुवीर रावत, केपी सकलानी, जगदीश सकलानी, आदि मौजूद रहे।