ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार पौधारोपण: हरियाली बढ़ाने के साथ कुंडली में खराब ग्रह कीजिए शांत

Uttarakhand

हिमशिखर डेस्क

17 जुलाई को सोमवार के संयोग के साथ ही पहाड़ी क्षेत्र में सावन शुरू हो जाएगा। इसी के साथ शुरू हो गया पौधारोपण का भी दौर। पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षारोपण करना बहुत ही जरूरी है। आज के वक्‍त में कम होती हरियाली को देखते हुए पेड़-पौधे लगाना बहुत ही अनिवार्य हो गया है। वहीं ज्‍योतिष शास्‍त्र में भी इसे खास स्‍थान दिया गया है। अगर आप पौधा रोपने जा रहे हैं तो ग्रह नक्षत्रों के अनुसार भी वृक्षारोपण कर सकते हैं। इससे पर्यावरण तो बचेगा ही। साथ ही आपकी ग्रह दशा भी दूर हो सकती है और आपके जीवन में भी हरियाली आती है। खास बात यह है कि पौधे लगाने के साथ उसको बचाए रखने के लिए नित्य उनकी देखभाल करना भी जरूरी है। पौधा जब तक वृक्ष नहीं बन जाता तब तक उसकी देखरेख अपने बच्चों की तरह करनी पड़ेगी। मान्यता है कि पौधा जैसा जैसा बड़ा होगा, वैसे वैसे उसको पैधा लगाने का पुण्य मिलेगा। केवल नाम मात्र के लिए फोटो खिंचवाने वाले और फिर कभी उस पौधा की देखभाल की तरफ न देखने वाले वाले लोगों को उसका पुण्य नहीं मिल पाता है।

ज्‍योतिष विषय प्राचीन विद्या है। ग्रह – नक्षत्र और अन्‍य खगोलीय पिण्‍डों का अध्‍ययन करने के विषय को ही ज्‍योतिष कहा गया हैै। ज्‍योतिष में राशि व ग्रह के अनुसार पेड़ लगाने से उनके प्रभाव भी सकारात्मक पढ़ते हैं। राशि के अनुसार पेड़ लगाने से कुंडली में न केवल खराब ग्रह शांत होता है, बल्कि जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, व्यक्ति को उतना ही अधिक उसका लाभ मिलता है। राशि व ग्रह के अनुसार पेड़ लगाने से उनके प्रभाव भी सकारात्मक पढ़ते हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

सूर्य – लाल गुलाब, मदार या कनेर

चंद्र – पलाश, कनेर या चमेली

मंगल – गुडहल, खैर या लाल चंदन

बुद्ध – अपामार्ग, पान या बेला

गुरु – केला, बेल या गैंदा, पीपल

शुक्र – गूलर, कनैर या तुलसी, सफेद चंदन

शनि – शमी या शमा, बैजंती

राहु – दूर्वा, नीम

केतु – कुशा, पंजबेल या गैंदा

अब 27 नक्षत्र और पेड़-पौधो के बारे में जानते हैं। 

क्र. नक्षत्र – पौराणिक नाम – वैज्ञानिक नाम – सामान्य नाम
1 अश्विनी – कारस्कर Strychnos nux-vomica कुचिला
2 भरणी – धात्री Phyllanthus emblica आँवला
3 कृत्तिका – उदुम्बर Ficus racemosa गूलर
4 रोहिणी जम्बू Syzygium cuminii जामुन
5 मृगशिरा – खादिर Acacia catechu खैर
6 आद्र्रा – कृष्ण Diospyros melanoxylon काला तेंदू
7 पुनर्वसु – वंश Bamboo बांस
8 पुष्य – अश्वत्थ Ficus religiosa पीपल
9 आश्लेषा – नाग Mesua nagassarium नागकेसर
10 मघा वट – Ficus benghalensis बरगद
11 पू.फाल्गुनी – पलाश Butea monosperma ढाक
12 उ.फाल्गुनी – प्लक्ष Ficus virens पाकड़
13 हस्त – अरिष्ट Sapindus mukorrossi Gaertn रीठा
14 चित्रा – बिल्व Aegle marmelos बेल
15 स्वाती – अर्जुन Terminalia arjuna अर्जुन
16 विशाखा – विकंकत Flacourtia indica कटाई
17 अनुराधा – बकुल Mimusops elengi मौलश्री
18 ज्येष्ठा – सरल Pinus roxburghii Sarg. चीड़
19 मूला – सर्ज Shorea robusta साल
20 पूर्वाषाढ़ा – वंजुल Salix tetrasperma जलवेतस
21 उत्तराषाढ़ा – पनस Artocarpus heterophyllus कटहल
22 श्रवण – अर्क Calotropis Procera मदार
23 धनिष्ठा – शमी Prosopis cineraria छयोंकर
24 शतभिषक – कदम्ब Anthocephalus chinensis कदम्ब
25 पू.भाद्रपद – आम्र Mangifera indica आम
26 उ.भाद्रपद – निम्ब Azadarichta indica नीम
27 रेवती – मधू Madhuca indica महुआ

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