भाई कमलानंद
वृंदावन की बैठक संपन्न होने के बाद आगे की यात्रा का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में मऊरानीपुर पहुंचे। यहां पर किसानों, पत्रकारों और कवियों से मुलाकात हुई। कवियों ने गाय पर बड़ी अच्छी अच्छी कविताएं सुनाई । लेकिन जब मैंने उनसे पूछा कि यह धरातल पर कब उतरेगा। तो सबकी अपेक्षाएं सरकार सरकार पर थी। तो मैंने साफ किया कि सरकार की योजनाओं को भूल जाओ। आप खुद अपनी सरकार बनो। राजयोग को करो। राजयोग है खुद का नियंत्रण, खुद की सरकार बहुत अच्छी चर्चा रही।
मेरा विश्वास है कि यह समय की मांग है। विकट समय चल रहा है। यहां से आगे जालौन पहुचे। जालौन में कई एमबीबीएस डॉक्टर मिले। सभी बोले कि गाय, गोबर और जैविक में दम है। क्योंकि शुद्धता की सभी को जरूरत है। फिर हम पहुचे कालपी। यहां पूर्व विधायक मल्होत्रा जी से मिलना हुआ । ये दोनों पति पत्नी डाक्टर हैं। हमने उनको पंचगव्य विद्यापीठम, डा अवधेश पांडे के बारे में बताया। मल्होत्रा जी से बहुत अच्छी चर्चा हुई। एलोपैथी वाले चिकित्सक भी मान रहे हैं कि नैचुरोपैथी से जुड़ना पड़ेगा। खानपान में बदलाव करना पड़ेगा। गाय के साथ हुए अन्याय को भी मानने लगे हैं।
कालपी में लोकल कमेटियां बना दी हैं। आजादी के 75 वर्ष में क्या हुआ और आगे तीन महीने में क्या कुछ नया होने जा रहा है का प्लान बनाया। कालपी में खादी बोर्ड का टेनिंग सेंटर है, कालपी में, जो खाली पड़ा हुआ है। साल का 50 60 साल का बजट है। बस टेनिंग ट्रेनिंग इससे लोग उब गए हैं। सरकार को इन टेनिंग सेंटर को प्राईवेटाइजेशन में लीज पर दे देना चाहिए। आप उनको टेनिंग और कंसल्टेंसी दो। जो पढ़ा है उसको करके दिखाओ। आगे की यात्रा में कानपुर गौशाला पहुंचे। यह गौशाला 100 साल पुरानी है। नए लोगों को जोड़ो, मार्केटिंग पकड़ो, मार्केट सबका गुरु मंत्र है। सरकारी ग्रांट से कुछ नहीं होगा। शिकायत करने से कुछ नहीं होगा। सरकारी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। गांव को प्रतिष्ठित करो। जो ग्रांट चुनौति का समय है। निराशा छोड़े और अपवाद ढूंढें ।