श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का कुलपति प्रो एनके जोशी ने किया उद्घाटन

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई टिहरी: श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर द्वारा दिनाँक 16 से 21 अगस्त तक आयोजित होने वाले “मेटलैब एन्ड इट्स ऍप्लिकेशन्स इन ए. आई. एन्ड एम. एल. ” विषयक फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन० के० जोशी ने उद्घाटन किया। एफ. डी. पी .का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

कुलपति प्रो० एन के जोशी ने कार्यक्रम में मेटलैब एवं इसके आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में अनुप्रयोग विषयक नई शिक्षण पद्धतियों पर मंथन करने और उन्हें विद्यार्थियों को रुचिकर ढंग से शिक्षा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग हर क्षेत्र में हो रहा है क्योंकि यह विभिन्न उद्योगों जैसे कि मनोरंजन शिक्षा स्वास्थ्य, वाणिज्य, परिवहन और उपयोगिताओं में बेहद कठिन मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है| मेटलैब का उपयोग करके विभिन्न एल्गोरिदम को लागू और डिज़ाइन किया जा सकता है । मेटलैब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में अत्यंत उपयोगी है। विश्वविद्यालय फैकल्टी डेवलपमेंट सेन्टर के द्वारा समय समय पर बहुविषयक ट्रेनिंग एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे| उन्होंने कहा कि हमारे कार्यक्रम का विषय, प्रतिभागियों को MATLAB की मौलिक समझ प्रदान करने के इर्द-गिर्द घूमता है, जो इसके अनुप्रयोगों में जागरूकता और समृद्ध ज्ञान से पूरक है, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में। इस कार्यक्रम में इंटरैक्टिव व्याख्यान शामिल हैं, जो आकर्षक और व्यापक सीखने के अनुभव की सुविधा प्रदान करते हैं। MATLAB, वैज्ञानिक गणना और इंजीनियरिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर पैकेज, एक शक्तिशाली प्रोग्रामिंग भाषा, उत्कृष्ट ग्राफिक्स और विशेषज्ञ ज्ञान की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। अन्य संख्यात्मक रूप से उन्मुख भाषाओं की तुलना में, MATLAB अपने उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और व्यापक मानक पुस्तकालय के लिए खड़ा है। यह प्रतिभागियों को अंतःविषय कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इससे शोधकर्ताओं में फिर से ऊर्जा का संचार होगा और शोध की गुणवत्ता में और सुधार करने में मदद मिलेगी। इस प्रतिस्पर्धी युग में, हमें खुद को लगातार बेहतर बनाने के लिए उचित ज्ञान और सही उपकरणों और प्लेटफार्मों से लैस होने की आवश्यकता है। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पास 63 प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों की एक समर्पित टीम है, जिनमें से अधिकांश प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, हमारा विश्वविद्यालय 218 कॉलेजों के साथ अपनी संबद्धता पर गर्व करता है, जिसमें 64 सरकारी संस्थान, 09 निजी सहायता प्राप्त कॉलेज और 135 निजी गैर-सहायता प्राप्त कॉलेज शामिल हैं। हमारे परिसर में उत्कृष्ट कनेक्टिविटी है, जिसमें बसों, ट्रेनों और जॉली ग्रांट में देहरादून हवाई अड्डे तक सुविधाजनक पहुंच है, जिससे यात्रा में आसानी सुनिश्चित होती है।

पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के प्राचार्य प्रो महावीर सिंह रावत ने कहा सभी अतिथियों, विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन से प्रतिभागी लाभान्वित होंगे तथा अपने शोध कार्यों में अभिनव प्रयोग कर सकेंगे।

फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर की समन्वयक प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि संकाय विकास केंद्र विश्वविद्यालय में शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ाने और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हमारी प्रतिबद्धता संकाय सदस्यों को सशक्त बनाने, उन्हें भारत में उच्च शिक्षा के उभरते परिदृश्य के अनुरूप ढलने में सक्षम बनाने तक फैली हुई है। प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि अपने संकाय के विकास में निवेश करके, हम शिक्षा और समाज के भविष्य में निवेश कर रहे हैं। यह केंद्र शिक्षकों के पोषण में सहायक होगा, जो बदले में, हमारे छात्रों में सटीक सोच पैदा करेगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और रचनात्मकता का पोषण करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर शिक्षा और समाज के भविष्य की रक्षा होगी। संकाय विकास केंद्र विश्वविद्यालय में परिवर्तन का प्रतीक होगा। ज्ञान, नवाचार और समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से, विश्वविद्यालय शिक्षा और समाज को बदलने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि संकाय विकास केंद्र छात्रों और जिस समुदाय की वे सेवा करते हैं, उनके लिए उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य की दिशा में एक आशाजनक मार्ग निर्धारित करता है। इससे शोधकर्ताओं में फिर से ऊर्जा का संचार होगा और शोध की गुणवत्ता में और सुधार करने में मदद मिलेगी। इस प्रतिस्पर्धी युग में, हमें खुद को लगातार बेहतर बनाने के लिए उचित ज्ञान और सही उपकरणों और प्लेटफार्मों से लैस होने की आवश्यकता है। फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के समन्वयक प्रो अनीता तोमर ने बताया कि कार्यक्रम में जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका सहित भारत के विशिष्ट उच्च शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक एवं शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं तथा 21 सितम्बर तक अनेक ख्यातिप्राप्त विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जायेंगे।

प्रथम दिन के तकनीकी सत्र में रामानुजन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो एन के राजपूत तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सूरत गुजरात के प्रो सुशील कुमार ने अपने व्याख्यान दिए| फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय ने तकनीकी सत्र आयोजित किया | इस एक सप्ताह तक चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों की जानकारी दी| फैकल्टी डेवलपमेंट केंद्र के सहसमन्वयक डॉ अटल बिहारी त्रिपाठी ने सभी का आभार ज्ञापित किया।

उद्घाटन सत्र में डीन विज्ञान संकाय प्रो. जी. के. ढींगरा, डीन कला संकाय प्रो. डी. सी. गोस्वामी, डीन वाणिज्य संकाय प्रो. कंचनलता सिन्हा सहित ऋषिकेश परिसर के प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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