आज 18 दिसंबर, सोमवार का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त का समय

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

पंडित उदय शंकर भट्ट

हर रोज की तरह हम आज भी लाए हैं आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। आज का दिन आपके लिए सुखद रहने वाला है। सबसे पहले हम सुबह की शुरुआत विघ्नहर्ता, प्रथम पूज्य गणेश जी को हम गणपति, गजानन, बप्पा, गजमुख, लंबोदर जैसे कई नामों से पुकारते हैं, उनकी वंदना से करेंगे।

गणेश वंदना (हिंदी) 

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।

उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्

गणेश वंदना (अंग्रेजी) 

Gaja-[A]ananam Bhuuta-Ganna-[A]adi Sevitam, Kapittha Jambuu-Phala-Saara Bhakssitam.

Umaa-Sutam Shoka Vinaasha-Kaarannam
Namaami Vighne[a-I]shvara Paada-Pangkajam.

श्री गणेश वंदना का हिंदी अर्थ

मैं गजानन (जिनका हाथी के समान मुख है) को नमन करता हूं, जिनकी भुत आदि गण सेवा करते हैजो कप्पीथ और जम्बू फल के सार को खाते हैं, देवी उमा (पार्वती) पुत्र है और जो जीवन से सभी दुखो का विनाश करते हैं, मैं उन विघ्नेश्वर (जो जीवन के सभी विघ्नों को ख़तम करते है) के कमल के सामान चरणों को नमस्कार करता हूं।

Meaning of Ganesh Vandana in English

(I Salute) Sri Gajananam ( Who is having an Elephant Face ), Who is Served by the Bhuta Ganas (Celestial Attendants or Followers) and Others, Who Eats the Core of Kapittha (Wood Apple) and Jambu (Rose Apple) Fruits, Who is the Son of Devi Uma (Devi Parvati) and the Cause of Destruction of Sorrows, I Prostrate at the Lotus-Feet of Vigneshwara (the God Who Removes Obstacles.)

आज दिन सोमवार है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। आज शिवलिंग पर जल अर्पित करें, फिर श्वेत चंदन से त्रिपुंड लगाएं, चावल अर्पित करें और फिर एक-एक कर बिल्वपत्र अर्पित करें। इसके बाद वहीं बैठकर शिव स्तोत्र या शिव चालीसा का पाठ करें या फिर रुद्राक्ष की माला से एक माला ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

स्कन्द षष्ठी व्रत आज

स्कन्द देव भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के छोटे भाई हैं। भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है।

षष्ठी तिथि भगवान स्कन्द को समर्पित हैं। शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन श्रद्धालु लोग उपवास करते हैं। षष्ठी तिथि जिस दिन पञ्चमी तिथि के साथ मिल जाती है उस दिन स्कन्द षष्ठी के व्रत को करने के लिए प्राथमिकता दी गयी है। स्कन्द षष्ठी को कन्द षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने वाले को लोभ, मोह, क्रोध और अहंकार से मुक्ति मिल जाती है। धन, यश और वैभव में वृद्धि होती है। व्यक्ति शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा पाता है।

आज का पंचांग

नई दिल्ली, भारत
सोमवार, दिसम्बर 18, 2023
सूर्योदय: 07:08
सूर्यास्त: 17:27
तिथि: षष्ठी – 15:13 तक
नक्षत्र: शतभिषा – 01:22, दिसम्बर 19 तक
योग: वज्र – 21:32 तक
करण: तैतिल – 15:13 तक
द्वितीय करण: गर – 02:08, दिसम्बर 19 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: मार्गशीर्ष
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: कुम्भ
सूर्य राशि: धनु
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल

तिथि षष्ठी 15:15 तक
नक्षत्र शतभिषा 25:14 तक
प्रथम करण
द्वितिय करण
तैतिल
गर
15:15 तक
26:09 तक
पक्ष शुक्ल
वार सोमवार
योग वज्र 21:27 तक
सूर्योदय 07:12
सूर्यास्त 17:24
चंद्रमा कुंभ
राहुकाल 09:00 − 10:30
विक्रमी संवत् 2080
शक सम्वत 1944
मास मार्गशीर्ष

पढ़ते रहिए हिमशिखर खबर, आपका दिन शुभ हो…

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