हिमशिखर धर्म डेस्क
पंडित उदय शंकर भट्ट
हर रोज की तरह हम आज भी लाए हैं आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। आज का दिन आपके लिए सुखद रहने वाला है।
आज गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का व्रत (स्मार्त) है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त।
आज का पंचांग
सूर्योदय: 07:10
सूर्यास्त: 17:29
तिथि: दशमी – 08:17 तक
नक्षत्र: अश्विनी – 21:36 तक
योग: परिघ – 11:11 तक
करण: गर – 08:16 तक
द्वितीय करण: वणिज – 19:42 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शुक्रवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: मेष
सूर्य राशि: धनु
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
मोक्षदा एकादशी आज
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए।
तिथि | दशमी | 08:17 तक |
नक्षत्र | अश्विनी | 21:37 तक |
प्रथम करण द्वितिय करण |
गारा वणिजा |
08:17 तक 19:44 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | शुक्रवार | |
योग | परिघा | 11:05 तक |
सूर्योदय | 07:14 | |
सूर्यास्त | 17:25 | |
चंद्रमा | मेष | |
राहुकाल | 11:03 − 12:20 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक सम्वत | 1944 | |
मास | मार्गशीर्ष | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 11:59 − 12:40 |