पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज रविवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
आज का पंचांग
रविवार, जनवरी 21, 2024
सूर्योदय: 07:14
सूर्यास्त: 17:51
तिथि: एकादशी – 19:26 तक
नक्षत्र: रोहिणी – 03:52, जनवरी 22 तक
योग: शुक्ल – 09:47 तक
करण: वणिज – 07:23 तक
द्वितीय करण: विष्टि – 19:26 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: वृषभ
सूर्य राशि: मकर
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
तिथि | एकादशी | 19:30 तक |
नक्षत्र | रोहिणी | 27:52 तक |
प्रथम करण | वणिजा | 07:24 तक |
द्वितीय करण | विष्टि | 07:24 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | रविवार | |
योग | शुक्ला | 09:39 तक |
सूर्योदय | 07:14 | |
सूर्यास्त | 17:49 | |
चंद्रमा | वृषभ | 08:52 |
राहुकाल | 16:27 − 17:46 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक संवत | 1944 | |
मास | पौष | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 12:11 − 12:53 |
आज का विचार
जिंदगी का रास्ता कभी बना-बनाया नही मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंजिल मिलती हैं।
आज का भगवद् चिंतन
अभय दान
“नान्यं त्वदभयं पश्ये”
हमारे समझने और स्वीकार करने भर की देर है, बाकी सच्चाई तो यही है कि चाहे हम कितने ही बलवान, सामर्थ्यवान एवं संपत्तिवान ही क्यों ना हों मगर विपत्ति काल में उस प्रभु के सिवा कोई हमारा सहायक, कोई हमें अभय प्रदान करने वाला हो ही नहीं सकता। जब बुद्धि में भय व्याप्त जाए तो प्रभु के शरणागत हो जाना ही एक मात्र उपाय है।
भय कुछ खोने का हो, भय शत्रु का हो अथवा तो भय प्राणों का ही क्यों ना हो प्रत्येक स्थिति में प्रभु की शरण हमें भय से मुक्त कराकर अभय प्रदान करती है। जहाँ जीव के स्वयं का अथवा सबका बल क्षीण हो जाता है वहाँ से आगे फिर प्रभु सबको संभाल लेते हैं। एक बार शरणागत होकर तो देखो प्रभु द्वारा आपको समस्त भयों से मुक्त कराकर अभय प्रदान ना किया जाए तो कहना।
पढ़ते रहिए हिमशिखर खबर, आपका दिन शुभ हो…