पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज मंगलवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
भौम प्रदोष व्रत आज
प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं।
प्रदोष व्रत
जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं (जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं) वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं।
आज का भगवद् चिन्तन
जनम हमार सुफल भा आजू
प्रभु की कृपा भयउ सब काजू।
जनम हमार सुफल भा आजू।।
ये परिदृश्य देखकर समझ आ रहा है कि सचमुच त्रेता में जब प्रभु श्रीराम का अवध में आगमन हुआ होगा वो दृश्य कितना अद्भुत एवं अलौकिक रहा होगा। घर – घर में उत्सव, नुक्कड़ – नुक्कड़ पर छोटे-बड़े आयोजन, जगह – जगह पर भोजन प्रसादी से लेकर तरह-तरह की सेवा के आयोजन, प्रत्येक वाहन के ऊपर लहराती श्रीराम पताकाएं और 22 जनवरी रात्रि को प्रत्येक घर में दीपोत्सव का यह आयोजन प्रेम विह्वल करने वाला है। हम सब कितने धन भागी एवं हमारी आँखें कितनी सौभाग्यशाली हैं जो प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक की साक्षी बन पाई हैं।
सरलता, सहजता एवं धैर्य की पराकाष्ठा हैं प्रभु श्रीराम। राम के जैसा बनो, ये कहना आसान है पर वास्तव में राम के जैसा बन जाना आसान नहीं है। राम जितने सरल हैं, राम होना उतना ही कठिन है। प्राणीमात्र के लिए जिया गया जीवन ही श्रीराम है। मर्यादा भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र समष्टि के लिए एक प्रेरणापुंज है। प्रभु श्रीराम को टेंट से भव्य मंदिर तक पहुँचाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भक्तों एवं इस कार्य में गिलहरी रूप में भी अपना सहयोग प्रदान करने वाले सभी प्रभु भक्तों को बारंबार वंदन करते हुए पुनः रामोत्सव की आप सभी को अनंतानंत शुभकामनाएं एवं मंगल बधाइयाँ।
आज का पंचांग
मंगलवार, जनवरी 23, 2024
सूर्योदय: 07:13
सूर्यास्त: 17:52
तिथि: त्रयोदशी – 20:39 तक
नक्षत्र: आर्द्रा – 06:26, जनवरी 24 तक
योग: इन्द्र – 08:05 तक
करण: कौलव – 08:12 तक
द्वितीय करण: तैतिल – 20:39 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: मिथुन
सूर्य राशि: मकर
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
तिथि | त्रयोदशी | 20:39 तक |
नक्षत्र | आर्द्रा | 30:26 तक |
प्रथम करण | कौलव | 08:13 तक |
द्वितीय करण | तैतिल | 20:39 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | मंगलवार | |
योग | ऐन्द्र | 08:04तक |
सूर्योदय | 07:14 | |
सूर्यास्त | 17:51 | |
चंद्रमा | मिथुन | |
राहुकाल | 15:12-16:32 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक संवत | 1944 | |
मास | पौष | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 12:11− 12:54 |