हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली: भारत सरकार के पूर्व सचिव भाई कमलानंद इन दिनों तमिलनाडु की यात्रा पर हैं। यात्रा के दौरान कन्याकुमारी शहर में स्थित प्रसिद्ध विवेकानन्द रॉक मैमोरियल के दर्शन कर अभिभूत हुए। यहां बहुत ही सुंदर मंदिर के रूप में वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु विवेकानन्द स्मारक बनाया गया है। इस दौरान उन्होंने कुछ मिनटों के लिए मौन में खड़े रहकर राष्ट्र का चिंतन किया। उन्होंने आह्वान किया कि युवाओं को रोजाना जीवन में कुछ देर के लिए मौन रहने की आदत डालनी चाहिए। कहा कि मौन से ऊर्जा का संचय होता है। इससे अंतरात्मा को नवस्फूर्ति एव चेतना हासिल होती है। मौन से विचार शक्ति बढ़ती है।
भाई कमलानंद ने कहा कि हमारे देश में ऐसे कई महापुरुष हुए हैं, जिनके जीवन और विचारों से व्यक्ति बहुत कुछ सीख सकता है। इन लोगों के विचार ऐसे होते हैं, जिसे अगर कोई हारा हुआ शख्स तो उसे जीयन जीने का मकसद मिल सकता है। इसी तरह विवेकानंद के सिद्धांतों का पालन करके लाइफ को जीने के तरीके को सीख सकते हैं। उनकी बाते ईमानदार, दयालु और मजबूत होना सीखाती है।
जीवन में असफल होना बड़ी बात नहीं है, बल्कि उसके बाद भी हार मान लेना सबसे बड़ी कमी है। आपको प्रयास करते रहना आपकी लगन को दिखाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर आप किसी कान को कर रहे है, तो अपके हाथ सफलता लग ही जाए, लेकिन आपको असफलतओं से घबराना नहीं चाहिए। बार-बार असफलता हाथ लगने पर भी निराश नहीं होना है, बल्कि निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।