आज का पंचांग: 30 जनवरी, शुभ-अशुभ मुहूर्त का समय

Uttarakhand

पंडित उदय शंकर भट्ट

सुप्रभातम्,

आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज मंगलवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।

आज का भगवद् चिन्तन

प्रकृति के साथ चलें

परिवर्तन संसार का नियम है, संसार के इस नियम की स्वीकारोक्ति हमारे जीवन में अवश्य होनी ही चाहिए। जो मनुष्य इस नियम को स्वीकार नहीं करते या जिनकी मनःस्थिति इस नियम की समर्थक नहीं, निश्चित ही उसके जीवन में सुख शांति की फसल भी नहीं उग पाती है। आप जितना समय की विपरीत धारा में बहोगे उतना परिश्रम और द्वंद आपके जीवन में होना ही है।

जो बीज अपने अस्तित्व को नहीं मिटाना चाहता अथवा धरती के गर्भ में प्रवेश नहीं करना चाहता, उस बीज की वृक्ष बनने की सम्भावनाएँ भी नष्ट हो जाती हैं। जीवन में सदैव एक जैसी स्थिति – परिस्थिति नहीं रहती है। जीवन का एक सीधा सा नियम है कि जो मनुष्य परिवर्तन को स्वीकार नहीं करता वो अपने जीवन आनंद की संभावनाओं को भी कम कर देता है। यहाँ परिस्थितियाँ एक जैसी कभी भी नहीं रहती हैं। सर्दी के बाद गर्मी, रात के बाद दिन और पतझड़ के बाद बसन्त आने ही वाला है।

आज का विचार

तन की भूख और प्यास अन्न-जल से है। मन की भूख प्यास मनोरंजन से है। और ऐसे ही आत्मा की भूख प्यास भक्ति और सत्संग है।

हनुमान जी का व्यक्तित्व

हनुमान जी के व्यक्तित्व में राम भक्ति कूट-कूट कर भरी है। उनके जीवन में अहंकार कभी भी देखने को नहीं मिलता। सीता जी की खोज के लिए समुद्र लांघने की चर्चा चल रही है, सभी वानर रीछ अपने-अपने बल का बखान कर रहे हैं किन्तु उनमें सर्वाधिक शक्तिशाली होते हुए भी वह चुपचाप बैठे रहते हैं और जामवंत के कहने पर ही अपनी स्वीकृति देते हैं। एक सुयोग्य दूत के रूप में हनुमान की भूमिका द्रष्टव्य है। वह मुद्रिका लेकर जब सीता जी के पास अशोक वाटिका में पहुंचते हैं तो अपना परिचय इसी रूप में देते हैं, ‘राम दूत मैं मातु जानकी। सत्य शपथ करूणा निधान की।’’

रावण के दरबार में भी जब श्री हनुमान प्रस्तुत होते हैं तो वहां पर भी अपने स्वामी राम के ही गुणों की गाथा गाते हैं।

आसुरी वृत्तियों से जूझने हेतु एक योद्धा के रूप में हनुमान बेमिसाल हैं। मानसाकार ने उनके मुष्टिक प्रहार एवं गदा युद्ध का बखूबी वर्णन किया है।

आज का पंचांग

मंगलवार, जनवरी 30, 2024
सूर्योदय: 07:11
सूर्यास्त: 17:58
तिथि: चतुर्थी – 08:54 तक
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी – 22:06 तक
योग: अतिगण्ड – 10:43 तक
करण: बालव – 08:54 तक
द्वितीय करण: कौलव – 22:16 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: मकर
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल

तिथि चतुर्थी 08:54 तक
नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 22:00 तक
प्रथम करण बालवा 08:54 तक
द्वितीय करण कौवाला 22:16 तक
पक्ष कृष्ण
वार मंगलवार
योग अतिगंदा 10:40 तक
सूर्योदय 07:14
सूर्यास्त 17:54
चंद्रमा कन्या
राहुकाल 15:14 − 16:34
विक्रमी संवत् 2080
शक संवत 1944
मास माघ
शुभ मुहूर्त अभिजीत 12:13 − 12:55

धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो

प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो

गौ माता की जय हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *