हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आगामी आम चुनावों से पहले, भारत निर्वाचन आयोग ने आज राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए एक बैठक का आयोजन किया।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हाइब्रिड मोड में आयोजित बैठक में आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं से लिए गए 2150 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कुछ अधिकारी अपने-अपने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालय से वर्चुली इस बैठक में शामिल हुए। आगामी चुनावों में लगभग 900 सामान्य पर्यवेक्षक, 450 पुलिस पर्यवेक्षक और 800 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने उन्हें स्वतंत्र, निष्पक्ष, भय और प्रलोभन मुक्त चुनावों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग के प्रतिनिधियों के रूप में पर्यवेक्षकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने आपको को पेशेवर रूप से संचालित करें और उम्मीदवारों सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ रहें। पर्यवेक्षकों को अपने क्षेत्र में कानूनी रूप से सख्त लेकिन विनम्र रहने का निर्देश दिया। उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहा कि वे मतदान केंद्रों का दौरा करने और क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से परिचित हों और किसी खामी या संवेदनशील क्षेत्रों का जायजा लें।
राजीव कुमार ने यह भी उल्लेख किया कि आयोग ने सभी परिपत्रों को फिर से तैयार किया है और मैनुअल, हैंडबुक को अद्यतन किया है, जिन्हें ईसीआई वेबसाइट पर आसानी से खोजा जा सकता है और वे पढ़ने वाले प्रारूप में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि क्या करें और क्या न करें की चेकलिस्ट के साथ-साथ विभिन्न अधिकारियों की भूमिकाओं और कार्यों के आधार पर ये हैंडबुक और मैनुअल तैयार किए गए हैं।
ब्रीफिंग बैठक के दौरान, सभी पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण अभिज्ञान के बारे में जानकारी दी गई ताकि उन्हें आयोग की विभिन्न नई पहलों और निर्देशों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके। ब्रीफिंग सत्र के दौरान निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिया गया:
- पर्यवेक्षकों को पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान उन्हें आवंटित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के भीतर भौतिक रूप से सीमित रहने का निर्देश दिया गया था। उनके वाहन में जीपीएस ट्रैकिंग लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
- पर्यवेक्षकों को सीईओ/जिला वेबसाइटों पर अपने मोबाइल/लैंडलाइन नंबर/ईमेल पते/ठहरने के स्थान आदि को इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित करने का निर्देश दिया गया; यह जानकारी अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों के आगमन के दिन डीईओ/आरओ द्वारा उम्मीदवारों/मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए।
- पर्यवेक्षकों से कहा गया कि वे अपने फोन/ई-मेल पर हमेशा उपलब्ध रहें और उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों/आम जनता/चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों आदि की कॉल पर उपस्थित रहें और प्रतिक्रिया दें। इस संबंध में किसी भी शिकायत को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
- डीईओ को ईमानदार व्यक्तियों को पर्यवेक्षकों के साथ संपर्क अधिकारी और सुरक्षा अधिकारी के रूप में तैनात करना चाहिए। इन संपर्क अधिकारियों/सुरक्षा अधिकारियों को भी तटस्थता बनाए रखने और पूरी ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के संबंध में उचित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए और संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।
- पर्यवेक्षकों को अपने अनिवार्य कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी के साथ करने का निर्देश दिया गया जैसे-सुरक्षा बलों की तैनाती, रैन्डमाइज करने की प्रक्रिया, राजनीतिक दलों द्वारा सुविधा पोर्टल के उपयोग और सभी उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की प्रक्रियाओं में पूरी तरह से नजर रखना और उससे संतुष्ट रहने का निर्देश दिया। उन्हें चुनाव प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह सतर्क और सक्रिय रहने की जरूरत है।
- पर्यवेक्षकों को सूचित किया गया कि उन्हें अधिक से अधिक मतदान केंद्र, स्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए और ऐसे क्षेत्रों की संवेदनशीलतओं/जटिलता की पहचान करने और उन्हें निपटने के लिए उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
- पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे डीईओ/आरओ द्वारा बुलाई जा रही उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों की बैठकों का निरीक्षण करें और देखें कि उनकी शिकायतों को ठीक से सुना जाए और उन पर कार्रवाई की जाए।
- मतदान दिवस पर मतदान के दौरान, पर्यवेक्षकों को यथासंभव अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करने, मतदान केंद्रों के अंदर की स्थिति का नियमित रूप से आकलन करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हो।
- पर्यवेक्षकों को यह देखने के लिए कहा गया कि केंद्रीय बलों/राज्य पुलिस बलों का विवेकपूर्ण रूप से उपयोग किया जा रहा है, तटस्थता रखी जा रही है और बलों की तैनाती भी किसी राजनीतिक दल/उम्मीदवार के पक्ष में नहीं है।
एक दिवसीय ब्रीफिंग सत्र के दौरान, अधिकारियों को वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, डीईसी और ईसीआई के महानिदेशकों द्वारा चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यापक और गहन जानकारी दी गई है। चुनाव योजना, पर्यवेक्षकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां, मतदाता सूची के मुद्दे, आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन, कानूनी प्रावधान, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया सहभागिता और आयोग के प्रमुख स्वीप (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी) कार्यक्रम के तहत मतदाता सुविधा के लिए की गई गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला पर विस्तृत विषयगत प्रस्तुतियां दी गईं।
इस बैठक में पर्यवेक्षक मतदाताओं की सुविधा के साथ-साथ क्षेत्र में चुनाव प्रक्रियाओं के प्रभावी और कुशल प्रबंधन के लिए आयोग द्वारा शुरू की गई विभिन्न आईटी पहलों और मोबाइल एप्लिकेशन से भी परिचित हुए।
पर्यवेक्षकों को ईवीएम और वीवीपीएटी का एक कार्यात्मक प्रदर्शन उपलब्ध कराया गया और उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय, छेड़छाड़-प्रूफ और विश्वसनीय बनाने के लिए ईवीएम इकोसिस्टम को घेरने वाली विविध तकनीकी सुरक्षा सुविधाओं, प्रशासनिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के बारे में भी अवगत कराया गया।
पर्यवेक्षकों को उनके काम को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव प्रबंधन से संबंधित सभी विषयों पर हाल ही में नवीनतम और व्यापक मैनुअल, हैंडबुक, निर्देशों के सार-संग्रह, क्या करें और क्या न करें के बारे में जानकारी दी गई। किसी भी निर्देश और दिशानिर्देशों तक आसान पहुंच के साथ ये ईसीआई वेबसाइट पर ईबुक और खोजने योग्य प्रारूप में उपलब्ध हैं।
पृष्ठभूमि
आयोग लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी और संविधान की पूर्ण शक्तियों के तहत पर्यवेक्षकों की तैनाती करता है। इन पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया, निष्पक्षता, तटस्थता और विश्वसनीयता के पालन की महत्वपूर्ण और गंभीर जिम्मेदारी सौंपी गई है जो हमारी लोकतांत्रिक राजनीति का आधार है। आयोग अपने सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों पर बहुत भरोसा करता है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में ऐसे पर्यवेक्षकों की भूमिका आयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये केंद्रीय पर्यवेक्षक न केवल स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के अपने संवैधानिक जनादेश को पूरा करने में आयोग को सहायता प्रदान करते हैं बल्कि ये मतदाता जागरूकता और चुनाव में भागीदारी को बढ़ाने में भी सहयोग करते हैं। चुनाव पर्यवेक्षन का मुख्य उद्देश्य सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना और ठोस तथा प्रभावी सिफारिशें तैयार करना है। ये पर्यवेक्षक आयोग की आंख और कान होने के लिए जाने जाते हैं।