सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज चैत मास की 7 गते है।
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, मार्च 21, 2024
सूर्योदय: 06:24 ए एम
सूर्यास्त: 06:33 पी एम
तिथि: द्वादशी – 04:44 ए एम, मार्च 22 तक
नक्षत्र: अश्लेशा – 01:27 ए एम, मार्च 22 तक
योग: सुकर्मा – 05:42 पी एम तक
करण: बव – 03:31 पी एम तक
द्वितीय करण: बालव – 04:44 ए एम, मार्च 22 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: फाल्गुन
पूर्णिमान्त महीना: फाल्गुन
चन्द्र राशि: कर्क – 01:27 ए एम, मार्च 22 तक
सूर्य राशि: मीन
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
आज का विचार
खुद की तरक्की में इतना वक्त लगा दो, कि दूसरे की बुराई करने का वक्त ही ना मिले। इंतजार मत करो जितना तुम सोचते हो, जिंदगी उससे कई ज्यादा तेजी से निकल रही है।
आज का भगवद् चिंतन
जिंदगी उनकी है जो गणित से मुक्त हो जाते हैं; जो हिसाब-किताब से ऊपर उठते हैं, अतिक्रमण करते हैं; जो प्रेम से जीते हैं। जो हृदय से जीते हैं, जिंदगी उनकी है। और जिनकी जिंदगी है उन्हीं का परमात्मा है। और जिनकी जिंदगी है उनका स्वर्ग कल नहीं है, भविष्य में नहीं है, मौत के बाद नहीं है। उनका स्वर्ग अभी है और यहीं है। वे स्वर्ग में ही हैं।
प्रेम को निखारो! प्रेम का दीया जलाओ! प्रेम की दीपावली मनाओ! प्रेम की फाग खेलो! प्रेम के रंग-गुलाल उड़ाओ! जरूर प्रेम अभी बहुत कीचड़ में पड़ा है, लेकिन कीचड़ से ही तो कमल पैदा होते हैं। कीचड़ से मुक्त करो कमल को। मगर नष्ट मत कर देना। नष्ट कर दिया तो सीढ़ी ही टूट गई। नष्ट कर दिया तो नाव ही टूट गई। फिर उस पार कैसे जाओगे?
प्रेम की नाव बनाओ। यही नाव है–एकमात्र नाव, जो उस पार ले जा सकती है।
हिम्मत चाहिए, परवाने की हिम्मत चाहिए–जो प्रेम में ज्योति पर झपट पड़ता है और मर जाता है। उतना साहस चाहिए–जो सब लोक-लाज खो देता है, छोड़ देता है। तो जरूर प्रेम तुम्हारे लिए अभी और यहीं स्वर्ग के द्वार खोल सकता है।
ओशो
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।