होलिका दहन आज पूरे देश में किया जाएगा। लेकिन आज पूर्णिमा के साथ ही भद्रा भी लग चुका है। ऐसे में पंचांग की गणना बता रही है कि भद्रा काल का त्याग करके आज रात होलिका दहन करना उत्तम रहेगा। आइए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।
हिमशिखर धर्म डेस्क
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व होलिका दहन के दिन 24 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। वहीं, होलिका दहन पर अशुभ मानी गई भद्रा का साया रहेगा। भद्रा के पुच्छ काल में आज रात्रि 9:50 के बाद होलिका दहन किया जा सकेगा।
रंगों के त्योहार होली का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। होली के एक दिन पहले प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है। यह फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन पूजा पाठ के बाद होलिका दहन किया जाता है। मान्यता है कि विधिवत होलिका दहन करने से संकटों का निवारण होता है। वहीं इस साल होलिका दहन के दिन अशुभ मानी जाने वाली भद्रा का साया रहेगा। आज 24 मार्च को सुबह 9:55 से पूर्णिमा शुरू होते ही भद्रा भी प्रारंभ हो गई है। भद्रा आज रात 11:20 बजे तक रहेगी। भद्रा काल में होलिका दहन करना अशुभ माना गया है। लेकिन भद्रा के पुच्छ काल में होलिका दहन किया जा सकता है। ऐसे में रात्रि 9:50 बजे के बाद होलिका दहन में दोष नहीं है। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।
भद्रा को लेकर मान्यता है कि भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। भद्रा क्रोधी स्वभाव की मानी गई है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रहमा ने उन्हें काल गणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया है। ज्योतिषाचार्य उदय शंकर भट्ट का कहना है कि भद्रा के पुच्छ काल में होलिका दहन किया जा सकता है।