नई दिल्ली
पूर्व सचिव भारत सरकार भाई कमलानंद ने होली की पर सभी देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।
पूर्व सचिव भारत सरकार भाई कमलानंद ने अपने संदेश में कहा “होली के शुभ अवसर पर, मैं देश और विदेश में रह रहे सभी भारतीयों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
वसंत ऋतु के आगमन का शुभ समाचार लेकर आने वाला रंगों का पर्व होली, हमारे जीवन में खुशियां और उमंग लेकर आता है। यह पर्व सामाजिक सद्भाव और मेल-मिलाप का जीवंत उदाहरण है। हर उम्र और हर वर्ग के बच्चे, युवा, पुरुष और महिलाएं पूरे उल्लास के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।
मेरी कामना है कि रंगों का यह त्योहार सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे तथा राष्ट्र निर्माण की भावना को भी प्रबल बनाए।”
अन्य पर्वों की तरह होली भी हमारी समृद्ध परंपरा और सदियों पुरानी विरासत का स्मरण कराती है। होली के अवसर पर मुक्त कंठ से गाई जाने वाली फाग, उड़ते रंग-गुलाल के बीच जोश भरने वाले आल्हा-ऊदल के गायन के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित पारंपरिक गीतों की परंपरा बनी रहे और समय के साथ और समृद्ध हो, इसके लिए सबको अपने-अपने स्तर पर जतन करने होंगे। ऐसे ही जतन हमें उन पारंपरिक व्यंजनों को सहेजने के भी करने होंगे, जो होली पर खास तौर पर बनते हैं। पारंपरिक व्यंजन बाजार की भेंट नहीं चढ़ने चाहिए। आधुनिकता के साथ कदम मिलाने के इस डिजिटल युग में न केवल यह याद रहना चाहिए कि हमें अपनी संस्कृति का संरक्षण करना है, बल्कि यह भी कि उस सामाजिकता को पोषित करना है, जो भारत की पहचान है और जिसके तहत सब एक-दूसरे के सुख-दुख में साझीदार बनते हैं। यदि सामाजिकता सुदृढ़ होती रहे तो हमारी अनेक समस्याओं का निदान हो सकता है और देश को जिस सद्भाव की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति भी हो सकती है। होली को किसी धार्मिक अनुष्ठान के रूप में देखना उसकी महत्ता सीमित करना है। यह तो हमारी संस्कृति का ऐसा उत्सव है, जो सबको आत्मीयता के रंग में रंगता है। यह विचित्र है कि कुछ लोग इससे आशंकित रहते हैं कि कहीं रंग के कुछ छींटे उन पर न पड़ जाएं। सबके तन-मन में रंग संग उमंग की तरंग दिखे, इस कामना के साथ होली की बधाई।