हिमशिखर खबर ब्यूरो
हिमाचल: हिमाचल के कामरु गांव में 13 मार्च को फागुली का शानदार आगाज हुआ। इस दौरान 18 मार्च को श्री बद्रीनाथ जी तथा अष्टपुरी देवताओं के साथ होली पर्व का आगाज हुआ। यह पर्व पुरातन काल से ही होलाशट के दिन मनाया जाता है। इसके बाद 19 मार्च को सभी गांववासियों और श्रद्धालुओं ने भी श्री भगवान अष्टपुरी जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
कामरु गांव में भगवान अष्टपुरी जी के किले में प्रस्थान के बाद आगले दिन से फागुली का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ। श्री परवो राजेस के आगमन के बाद आए हुए लोगों ने उनका आशीर्वाद लिया और उनके साथ नाटी लगाई। उसके बाद दो दिवसीय होली का आगाज हुआ तथा 23 मार्च को होली मनाई गई तथा 24 मार्च को होलिका दहन किया गया। ग्रामीणों के साथ ही आस-पास के गांवों से आए हुए लोगों और श्रद्धालुओं ने खूब आनद लिया। 25 मार्च को फाग मेल का आयोजन हुआ था। ग्रामीणों ने श्री बद्रीनाथ जी की ओर से धाम का आयोजन किया तथा सभी ग्रामवासी व श्रद्धालुओं (टूरिस्टों) ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया और किननोरी नाटी लगाई। कामरु मंदिर के माली जी गम्बीर चन्द मारपालटो और कामरु गांव के निवासी दुर्गेश नेगी और आशु नेगी ने बताया कि कामरु के देव पूर्णा भगवान बद्री विशाल जी के ही देवरूप है। कामरु के देव पूर्णा भगवान जब भी बद्रीनाथ धाम जाते है तो भगवान बद्री विशाल जी के गर्भग्रह में जाकर भगवान बद्री विशाल के दाहिने तरफ गद्दी पर बैठते हैं।