सनातन परंपरा में पेड़-पौधों की पूजा का बहुत महत्व है। आम, पीपल, बरगद, शमी, आंवला, तुलसी और केला ऐसे ही पेड़-पौधे हैं जो हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं और पवित्र भी माने गए हैं। पुराण और शास्त्रों में इनके पूजन का जिक्र किया गया है। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस वृक्ष में बृहस्पति देव और भगवान विष्णु निवास करते हैं-
हिमशिखर धर्म डेस्क
सनातन धर्म में प्रत्येक दिन का बहुत महत्व माना गया है। हर दिन एक विशिष्ट देवी देवता का पूजन किया जाता है जिसके द्वारा जीवन में शुभता और शांति का वास बना रहता है। बृहस्पतिवार का दिन भगवान श्रीविष्णु एवं बृहस्पतिदेव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इनकी पूजा के बाद केले के पेड़ की पूजा का भी विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार केले के पेड़ में बृहस्पतिदेव का निवास होता है। यदि इस दिन केले के पेड़ का पूजन किया जाए तो देवताओं के गुरु बृहस्पति देव एवं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और कई अन्य मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिन कन्याओं की शादी में विलंब हो रहा हो वे यदि गुरुवार का व्रत रखकर केले के पेड़ का विधिवत पूजन करें तो शीघ्र ही शादी के योग बन सकते हैं।
केले के पेड़ की पूजा विधि
- इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत्त पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद ईशान कोण में भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। केले के वृक्ष पर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़,अक्षत और पुष्प अर्पित करें। अब घी का दीपक जलाकर आरती करके उसे केले की जड़ के पास रख दें। बृहस्पतिवार की कथा पढ़ने के बाद वृक्ष की परिक्रमा करें और अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। ध्यान रहे कि अगर केले का वृक्ष घर में ही लगा रखा है तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए। घर से बाहर या मंदिर में वृक्ष लगा है तो वहां पूजन करना उत्तम रहता है।
बृहस्पतिवार को न करें ये काम
- ज्योतिष मान्यता है कि गुरुवार के दिन महिलाओं को अपने बाल नहीं धोना चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन, संतान सुख पर बुरा असर पड़ता है।
- इस दिन सिर, दाढ़ी आदि के बाल नहीं कटवाने चाहिए। क्योंकि इससे संतान सुख में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है।
- बृहस्पतिवार के दिन हाथ-पैर के नाखून भी नहीं काटने चाहिए। इससे गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर होती है।
- गुरुवार के दिन दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य कोण की ओर पूजा करने से बचना चाहिए। खासकर दक्षिण दिशा की ओर क्योंकि इस दिशा में दिशाशूल रहता है।
- गुरुवार के दिन केले का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि केले के पौधे की विधिवत पूजा करने के विधान है।
- गुरुवार के दिन कपड़े धोना, पोछा लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे कुंडली में गुरु की स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।