पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 16 गते और कालाष्टमी है।
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, मई 30, 2024
सूर्योदय: 05:24 ए एम
सूर्यास्त: 07:14 पी एम
तिथि: सप्तमी – 11:43 ए एम तक
नक्षत्र: धनिष्ठा – 07:31 ए एम तक
योग: वैधृति – 08:53 पी एम तक
करण: बव – 11:43 ए एम तक
द्वितीय करण: बालव – 10:42 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: कुम्भ
सूर्य राशि: वृषभ
आज का विचार
यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती.!
आज का भगवद् चिन्तन
तृष्णा से बचें
जब जीवन आवश्यकताओं की बजाय इच्छाओं के अनुरूप जिया जाने लगे बस इसी का नाम तृष्णा है। शास्त्रों ने कहा कि ” तृष्णैका तरुणायते ” अर्थात शरीर वृद्ध हो जाता है पर तृष्णा कभी वृद्ध नहीं होती, वह सदैव तरुणी बनी रहती है। संसार नित्य परिवर्तनशील है लेकिन इस नित्य परिवर्तित संसार में भी तृष्णा कभी वृद्धा नहीं होती , वह सदैव जवान बनी रहती है और इसका कभी नाश भी नहीं होता है।
तृष्णा रूपी अग्नि की लपटें प्रतिपल मनुष्य को जलाती रहती हैं। तृष्णा को मिटाना स्वयं के वश में नहीं पर प्रभु शरणागत हो जाने पर इसका प्रभाव स्वतः कम होने लगता है। महापुरुषों ने बताया कि आवश्यकताओं को तो पूरा किया जा सकता है लेकिन इच्छाओं को पूरा करना कभी भी संभव नहीं। हमें स्वयं के बल का नहीं, प्रभु के बल का विश्वास होना चाहिए। प्रभु कृपा का बल ही मन को तृष्णा से हटाकर श्रीकृष्ण चरणों में लगा देता है।