आज 5 जून का पंचांग: प्रकृति हमको बहुत कुछ सिखाती है

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 22 गते और विश्व पर्यावरण दिवस  है।

आज का पंचांग

बुधवार, जून 5, 2024
सूर्योदय: 05:23 ए एम
सूर्यास्त: 07:17 पी एम
तिथि: चतुर्दशी – 07:54 पी एम तक
नक्षत्र: कृत्तिका – 09:16 पी एम तक
योग: सुकर्मा – 12:36 ए एम, जून 06 तक
करण: विष्टि – 08:56 ए एम तक
द्वितीय करण: शकुनि – 07:54 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: वृषभ
सूर्य राशि: वृषभ

प्रकृति हमको बहुत कुछ सिखाती है

…..मानव जीवन को जो महत्वपूर्ण सीख प्रकृति प्रदान करती है, वह सीख फिर कभी कहीं से सीखने को नहीं मिल पाती। यह संपूर्ण प्रकृति अपने आप में एक विश्वविद्यालय ही है, बस हमारे भीतर उससे कुछ सीखने की कला होनी चाहिए। यदि खेतों में बीज ना डाला जाए तो प्रकृति उसे स्वतः घास-फूस और झाड़ियों से भर देती है।

ठीक उसी प्रकार से यदि मन-मस्तिष्क में अच्छे एवं सकारात्मक विचार ना डाले जाएं तो बुरे एवं नकारात्मक विचार उसमें स्वतः अपनी जगह बना लेते हैं। मानव मस्तिष्क में प्रतिदिन कुछ श्रेष्ठ एवं सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान होते रहना चाहिए। जिस दिन हमारे जीवन में कुछ श्रेष्ठ आना बंद हो जाता है, उसी दिन से जीवन में धीरे-धीरे नकारात्मकता का प्रवेश भी प्रारंभ हो जाता है।

जिस काम को करते हुए आपको आन्तरिक खुशी, संतुष्टि व निश्चिंत भाव का अनुभव न हो तो इसका अर्थ है वह कार्य गलत है। फिर चाहे उस कार्य को सारा संसार ही क्यों न कर रहा हो, क्योंकि सही और गलत की सही पहचान आंतरिक अनुभव से होती है।अच्छे और बुरे दोनों ही हालात सदा एक से नही रहते, अर्थात परिवर्तनशील होते हैं, इसलिए हमें दोनों ही हालतों में धैर्य धारण कर, सदा अपना बेहतर करते हुए, आगे बढ़ते ही रहना चाहिए।

आज अपने प्रभु से आत्म चिंतन,आत्म-परीक्षण एवं सकारात्मक सामर्थ्य बनाये रखने की प्रार्थना के साथ….।

  आज का चिंतन

जीवन में बदलाव नया साल नहीं, बदलती परिस्थितियाँ और नयी आदतें लाती हैं। जब कामयाबी मिले तो अपना सीक्रेट सबके साथ शेयर करना चाहिए और जब नाकामयाबी मिले तो अपनी गलतियों से सीखना चाहिए।

वक़्त उनके साथ बिताना चाहिए जिनके साथ मन लगता हो, ना की उनके साथ जिनकी बातें मन को लगती हो। किसी घाव को ठीक करने के लिए हमें उसे छूना बन्द करना होता है, ठीक इसी तरह अपने अतीत को छूना बंद करना होगा, तभी जीवन में आगे बढ़ पाएंगे।

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