मासिक शिवरात्रि आज : बाँटना भी सीखो

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आषाढ़ मास की 21 है। पंचांग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि है, जोकि आज गुरुवार 4 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने का महत्व है। सावन से पहले शिवजी की विशेष पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि को बहुत ही खास माना जा रहा है।

आज का पंचांग

बृहस्पतिवार, जुलाई 4, 2024
सूर्योदय: 05:28 ए एम
सूर्यास्त: 07:23 पी एम
तिथि: त्रयोदशी – 05:54 ए एम तक
क्षय तिथि: चतुर्दशी – 04:57 ए एम, जुलाई 05 तक
नक्षत्र: मॄगशिरा – 03:54 ए एम, जुलाई 05 तक
योग: गण्ड – 07:00 ए एम तक
क्षय योग: वृद्धि – 05:14 ए एम, जुलाई 05 तक
करण: वणिज – 05:54 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 05:23 पी एम तक
क्षय करण: शकुनि – 04:57 ए एम, जुलाई 05 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: ज्येष्ठ
पूर्णिमान्त महीना: आषाढ़
चन्द्र राशि: वृषभ – 03:58 पी एम तक
सूर्य राशि: मिथुन

आज का विचार

लफ़्ज़ आईने हैं इन्हें उछाल कर मत चलो, अदब की राह मिली है तो देख भाल के चलो, मिली है ज़िन्दगी तुम्हे बस इसी मकसद से सँभालो खुद को और अपनों को सँभाल के चलो.!

आज का भगवद् चिन्तन

बाँटना भी सीखो

निश्चय करो कि हमारा यह मानव जीवन बटोरने के लिए नहीं अपितु बाँटने के लिए हमें मिला है।संपूर्ण सृष्टि इस मानव जीवन को कुछ न कुछ देती है।वृक्ष उगते हैं तो अपनी छाया से लेकर फल,फूल, लकड़ियां और अनेक प्रकार से अपना सहयोग इस समाज को प्रदान करते हैं।नदियाँ बहती हैं तो पीने के लिए जल से लेकर कृषि-खेती व मानव जीवन की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती हैं।

इस संपूर्ण प्रकृति में ऐसा कुछ भी नहीं जो स्वयं का उपयोग स्वयं के लिए करता हो इसलिए हम सबको भी इस प्रकृति से सीख अवश्य लेनी चाहिए।स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि अपना यह मानव जीवन लेने के लिए नहीं अपितु देने के लिए है।मनुष्य जीवन ईश्वर निर्मित एक सर्वश्रेष्ठ कृति है इसलिए इसके जीवन का लक्ष्य भी सर्वश्रेष्ठ ही होना चाहिए।

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