हिमशिखर धर्म डेस्क
ऋद्धि-सिद्धि और सुख-समृद्धि के दाता गणपति बप्पा शनिवार को घर-घर विराजेंगे। इस साल गणेश चतुर्थी तिथि आज 7 सितम्बर शनिवार के दिन पड़ रही है। गणेश चतुर्थी पर गणेशजी अपने साथ शुभ रवि योग भी लेकर आ रहे हैं। यानी विघ्नहर्ता गणेशजी तमाम विघ्नों को दूर करके भक्तों का मंगल करने आ रहे हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का अवतरण हुआ था। इस दिन को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस दिन कई लोग गणेशजी की प्रतिमा भी घर में स्थापित करते हैं।
पीओपी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना करने से बचना चाहिए। ये मूर्तियां पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। मिट्टी से बनी प्रतिमा धर्म और पर्यावरण के लिहाज से सबसे अच्छी होती है। इसके अलावा हल्दी, गोबर, श्वेतार्क, लकड़ी से बनी मूर्ति स्थापित की जा सकती हैं।
गणेशजी की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद दुर्वा, लड्डू से विधि-विधान पूजन करना चाहिए। पुराणों के अनुसार भगवान गणेश को भोलेनाथ के आशीर्वाद से ही प्रथम पूज्य देवता का स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करने से सारे काम सफल होते हैं।