आज कब निकलेगा करवा चौथ का चांद? करवा चौथ का संदेश : पति-पत्नी के एक-दूसरे के सुख के लिए त्याग करने से बढ़ता है आपसी प्रेम

Uttarakhand

करवा चौथ आज 20 अक्टूबर को है। आज व्रती महिलाएं शाम में करवा चौथ की पूजा करके चंद्रमा को अर्घ्य देंगी।फिर पारण करके व्रत पूरा करेंगी। आज सबको चांद के निकलने का इंतजार रहेगा।


हिमशिखर धर्म डेस्क

आज रविवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। है। इस दिन गणेश जी, चौथ माता के साथ ही सूर्य की भी विशेष पूजा जरूर करें। करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं अपने जीवन साथी के लिए दिनभर निर्जला व्रत करती हैं। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्रदेव की पूजा करने के बाद ये व्रत पूरा होता है।

करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 30 मिनट  से 9 बजे के बीच होगा। देशभर के अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ बदलाव हो सकता है।
करवा चौथ 2024 शुभ तिथि 
वैदिक पंचांग के मुताबिक हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ पर चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 21 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी।

करवा चौथ 2024 पूजा शुभ मुहूर्त 
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए शाम को सोलह श्रृंगार करते हुए एक खास जगह पर एकत्रित होकर करवा माता की पूजा और कथा सुनती हैं। करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट  लेकर शाम शाम 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

ये है करवा चौथ का संदेश

करवा चौथ का संदेश यही है कि पति-पत्नी को एक-दूसरे के सुख और स्वास्थ्य के लिए खुद के सुख का त्याग करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए त्याग करते हैं तो उनके बीच प्रेम बना रहता है। आमतौर पर करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति के सुखी जीवन, सौभाग्य, लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिनभर निर्जला व्रत करती हैं यानी इस दिन महिलाएं अन्न के साथ पानी का भी त्याग करती हैं। जीवन साथी के लिए भक्ति और पूजा-पाठ करती हैं। ऐसे ही त्याग की वजह से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

करवा चौथ पर कर सकते हैं ये शुभ काम

चतुर्थी तिथि पर गणेश जी के लिए व्रत-उपवास करने की परंपरा है। रविवार को ये तिथि होने से इस दिन सूर्य पूजा भी जरूर करें। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें, फूल और चावल डालें। इसके बाद ये जल सूर्य को चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को या किसी मंदिर में गुड़ और तांबे के बर्तन का दान करें।

चतुर्थी पर गणेश जी का अभिषेक करना चाहिए। गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं। हार-फूल से श्रृंगार करें। लड्डू और मोदक का भोग लगाएं। दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें। शिव मंदिर में शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और ऊँ नम: शिवाय नम: मंत्र का जाप करें।

करवा चौथ पर चौथ माता की पूजा के साथ ही देवी पार्वती और शिव जी की भी पूजा जरूर करनी चाहिए। शिव-पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

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