पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
अभी कार्तिक मास चल रहा है और इस महीने में रोज दीपदान करने की परंपरा है। इसी महीनों में दीपों का पर्व दीपावली भी मनाया जाता है। धर्म के नजरिए से दीपक की रोशनी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है और ये रोशनी सकारात्मकता बढ़ाती है। जीवन प्रबंधन के नजरिए से देखेंगे तो दीपक अंधकार और अज्ञान दूर करने का प्रतीक है। जानिए दीपक से जुड़ी खास मान्यताएं…
• ध्यान रखें पूजा-पाठ में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए। धर्म-कर्म में खंडित चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
• मान्यता है कि दीपक सकारात्मकता बढ़ाता है और जहां दीपक जलता है, वहां देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से सभी देवी-देवताओं की पूजा में दीपक जलाए बिना पूजा नहीं मानी जाती है।
दीपक की रोशनी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है। दीपक हमें संदेश देता है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश फैलाएं, तभी हमें देवी-देवताओं की कृपा यानी सफलता मिलेगी।
• सुबह-शाम घर में दीपक जलाने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। आमतौर पर पूजा में घी का दीपक जलाना चाहिए। घी को पंचामृत यानी पांच अमृतों में से एक माना गया है। घी गाय के दूध से बना होगा तो बहुत शुभ रहेगा।
• गाय के घी में सूक्ष्म कीटाणुओं को खत्म करने का गुण होता है। जब गाय घी का दीपक जलाया जाता है तो उसके धुएं से घर का वातावरण को पवित्र बनाता है। दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
• अग्नि में चीज जलती है तो वह छोटे-छोटे अदृश्य टुकड़ों में बंटकर वातावरण में फैल जाती है। इसलिए अग्नि से घी घर में फैलता है और वातावरण को शुद्ध बनाता है। अदृश्य टुकड़ा में बटकर वातावरण में फल जाता है। इसलिए अग्नि से घी घर में फैलता है और वातावरण को शुद्ध बनाता है।
• ध्यान रखें देवी-देवताओं को घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। पूजा करते वक्त दीपक बुझना नहीं चाहिए।
• दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती इस्तेमाल करना चाहिए। अगर रुई की बत्ती न हो तो लाल धागे की बत्ती बनाकर दीपक जला सकते हैं।
आज का पंचांग
सोमवार, अक्टूबर 28, 2024
सूर्योदय: 06:30
सूर्यास्त: 17:39
तिथि: एकादशी – 07:50 तक
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी – 15:24 तक
योग: ब्रह्म – 06:48 तक
करण: बालव – 07:50 तक
द्वितीय करण: कौलव – 21:10 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: आश्विन
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: सिंह – 22:11 तक
सूर्य राशि: तुला
शक सम्वत: 1946 क्रोधी