आज का पंचांग: अध्यात्म की ओर

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पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

ये जन्म-मरण का चक्कर अच्छे-अच्छे समझदार लोगों को भी समझ नहीं आता। शास्त्रों में इसके बारे में बहुत लिखा गया। और तो और श्रीराम ने कहा, ‘संत असंतन्ह के गुन भाषे। ते न परहिं भव जिन्ह लखि राखे।’ रामजी भरत को कह रहे हैं, ‘मैंने संतों और असंतों के गुण कहे। जिन लोगों ने इन गुणों को समझ रखा है, वे जन्म-मरण के चक्कर में नहीं पड़ते।’ संत के गुण यानी अच्छी बातों को जीवन में उतारना और करना।

असंत के गुण यानी गलत बातें करना। इनको समझेंगे, तो जन्म-मरण के चक्कर से मुक्त हो जाएंगे। अब यह चक्कर क्या है? असल में लोग इसे समझ नहीं पाते। न तो जन्म हमारे हाथ में है, न मरण हमारे हाथ में है, पर होना दोनों ही है।

जन्म और मरण के बीच में एक घटना घटती है, जिसको जीवन कहते हैं। श्रीराम उस जीवन की ओर इशारा कर रहे हैं कि जीवन को समझो। जीवन के लिए निर्णय लो। कृष्ण जी ने गीता में अर्जुन से कहा, ‘सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज’, ‘सर्वधर्म छोड़कर तू मेरी शरण में आ, मैं तुझे मुक्त कर दूंगा।’

ये जो मुक्त करना है, यही जीवन को समझना है। तो राम और कृष्ण कहते हैं, निर्णय लो, हमारे प्रति समर्पित हो जाओ। जो अपने से ऊपर एक परमशक्ति ईश्वर को मानता है, वो इन झंझटों से बच जाता है।

आज का भगवद् चिन्तन

अध्यात्म की ओर

मानसिक दुर्बलता आध्यात्मिक उन्नति में बाधक का कार्य करती है। कायर व्यक्ति जीवन में कभी भी आध्यात्मिक उन्नति नहीं कर सकता है। अध्यात्म कायरों और अकर्मण्यों का मार्ग नहीं अपितु कायरता और अकर्मण्यता का त्याग करने वालों का मार्ग है। अध्यात्म का मार्ग जिम्मेदारियों से बचना भी नहीं अपितु छोटी-मोटी जिम्मेदारियों को त्यागकर एक बड़ी जिम्मेदारी उठाने के साहस का मार्ग है।

आत्मबल की न्यूनता से ग्रसित मन कभी भी किसी बड़े संकल्प के लिए राजी नहीं हो सकता है। दृढ़ संकल्प शक्ति के अभाव में अध्यात्म पथ की ओर गति संभव ही नहीं है। दृढ़ इच्छाशक्ति ही व्यक्ति को दृढ़तापूर्वक श्रेष्ठ पथ की ओर अग्रसर बनाये रखती है। स्वयं की चिंता को त्यागकर स्वयंभू के चिंतन का नाम ही अध्यात्म है। सही अर्थों में स्वयं के कष्टों का विस्मरण कर समष्टि के कष्टों के निवारण की यात्रा ही वास्तविक आध्यात्मिक यात्रा है।

आज का पंचांग

बुधवार, नवम्बर 6, 2024
सूर्योदय: 06:37 ए एम
सूर्यास्त: 05:32 पी एम
तिथि: पञ्चमी – 12:41 ए एम, नवम्बर 07 तक
नक्षत्र: मूल – 11:00 ए एम तक
योग: सुकर्मा – 10:51 ए एम तक
करण: बव – 12:32 पी एम तक
द्वितीय करण: बालव – 12:41 ए एम, नवम्बर 07 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: धनु
सूर्य राशि: तुला

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