पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज का विचार
हम सूर्य को नमस्कार अथवा पूजा उसकी उँचाई या मात्र धार्मिक आधार के कारण ही नहीं करते अपितु उसकी उपयोगिता एवं गुणों के कारण भी करते हैं। इसलिए सदैव स्मरण रहे कि व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व पूजनीय है।
आज का भगवद् चिंतन
शरणागत बने रहें
ईश्वरीय सत्ता के प्रति अविश्वास ही हमारे मन में भय उत्पन्न करता है। जीवन में जितने भी प्रकार के भय हैं, सबका निराकरण उन गोविंद की शरण में आने के बाद ही संभव है। भय कुछ खोने का हो, भय कुछ लुटने का हो, भय शत्रु का हो अथवा तो भय प्राणों का ही क्यों न हो प्रत्येक स्थिति में प्रभु की शरण हमें भय से मुक्त कराकर अभय प्रदान करती है।
हमारे समझने और स्वीकार करने भर की देर है, बाकी सच्चाई तो यही है कि चाहे हम कितने ही बलवान, सामर्थ्यवान एवं संपत्तिवान ही क्यों न हों लेकिन विपत्ति काल में उस प्रभु के सिवा कोई हमें अभय प्रदान करने वाला हो ही नहीं सकता। रोग में, शोक में, दुख में, पीड़ा में, कष्ट में, विपत्ति में जिस भी स्थिति में उस प्रभु के शरणागत हो जायेंगे उसी स्थिति में उन कृपा सिंधु प्रभु द्वारा हमें स्वीकार करके समस्त भयों का नाश करते हुए अभयता प्रदान कर दी जायेगी।
आज का पंचांग
मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
सूर्योदय: 06:58
सूर्यास्त: 17:24
तिथि: द्वितीया – 13:09 तक
नक्षत्र: मूल – 16:42 तक
योग: शूल – 15:08 तक
करण: कौलव – 13:09 तक
द्वितीय करण: तैतिल – 01:12, दिसम्बर 04 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: मार्गशीर्ष
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: धनु
सूर्य राशि: वृश्चिक