पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
तनाव और नुकसान देती है राहु की दशा
कुंडली में जब राहु की महादशा, अंतरदशा या प्रत्यंतर दशा चल रही होती है तो लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं। इस समय हर तरफ से नुकसान होता है। इस दरमियान लोग पाप करने से भी नहीं डरते। क्योंकि राहु अंधकार का ग्रह है। जब ये अपना असर दिखाता है तो इंसान की बुद्धि राहु की तरह ही उल्टी चलने लगती है।
राहु सूर्य और चंद्रमा का शत्रु है। ये दोनों ही ग्रह आत्मा और मन को प्रभावित करते हैं, इसलिए लोग सही-गलत समझते हुए भी राहु के प्रभाव के कारण पाप करने से नहीं डरते हैं।
जब लोगों पर राहु का असर कम होने लगता है, तब तक मान, सम्मान सब खत्म हो चुका होता है। विचारों में अंधकार झलता है। गलत कामों के कारण कुछ लोग तो जेल भी चले जाते हैं। राहु के बेहद खराब असर के कारण कुछ लोग तो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
ये ही कारण है कि राहु की महादशा आने पर गंगाजल पीने और गंगा स्नान करने का उपाय बताया जाता है। इस उपाय का आध्यात्मिक नजरिया होता है। गंगाजल से तन, मन और वचन से पवित्रता के साथ जीवन शुरू होता है। किसी भी प्रकार का पाप नही होता है। जहां पाप नहीं होता वहां राहु का असर खत्म हो जाता है।
उपाय: राहु सिर्फ सिर है, इसलिए सिर पर गंगाजल के समान पूर्ण पवित्रता के विचारों को स्वीकार करना चाहिए। अच्छे विचारों के साथ जीना चाहिए। पुरानी गलतियों का भी पश्चाताप करें। इससे राहु अचानक फायदे के रास्तों पर ले जाकर आपको थोड़े समय में ही सर्वोच्च पद दिला देता है।
आज का विचार
यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते तो हम खूब पेड़ लगाते। अफसोस कि वे हमे आक्सीजन देते है.!
कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥
पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥
भावार्थ:-ऋक्षराज जाम्बवान् ने श्री हनुमानजी से कहा- हे हनुमान्! हे बलवान्! सुनो, तुमने यह क्या चुप साध रखी है? तुम पवन के पुत्र हो और बल में पवन के समान हो। तुम बुद्धि-विवेक और विज्ञान की खान हो॥
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥
राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥
भावार्थ:-जगत् में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात! तुमसे न हो सके। श्री रामजी के कार्य के लिए ही तो तुम्हारा अवतार हुआ है। यह सुनते ही हनुमान्जी पर्वत के आकार के (अत्यंत विशालकाय) हो गए॥
आज का पंचांग
सूर्योदय: 07:11 ए एम
सूर्यास्त: 05:31 पी एम
तिथि: नवमी – 07:52 पी एम तक
नक्षत्र: हस्त – 12:17 पी एम तक
योग: शोभन – 08:54 पी एम तक
करण: गर – 07:52 पी एम तक
द्वितीय करण: वणिज – पूर्ण रात्रि तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: कन्या – 01:51 ए एम, दिसम्बर 25 तक
सूर्य राशि: धनु
शक सम्वत: 1946 क्रोधी