आज का पंचांग: शराब अपराध की जननी

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

शराब अपराध की जननी

नशा, खासतौर पर शराब बड़े अपराध को भी जन्म दे रही है। एक ऐसी मानसिकता तैयार हो गई है कि नशा कर लो हिम्मत आ जाएगी। अब तो शोधकर्ताओं ने घोषणा की है कि यदि माता-पिता शराबी हैं तो उनके बच्चे भी शराबी हो जाएंगे। माता-पिता का दौर तो निकल जाएगा, लेकिन आने वाले 30 साल में इंसान की समझ संकुचित होती जाएगी।

ऐसे में शराब का नशा शरीर को अत्यधिक प्रभावित करेगा और शारीरिक रोग के साथ मानसिक रोग बढ़ जाएंगे। जिन्हें शराब छोड़ना हो या जो चाहते हैं कि हम शराब न पिएं, उन्हें इस शरीर के भीतर जो आत्मा है, उसके प्रति जागृति लाना पड़ेगी और यह योग से होगा।

योग का मतलब केवल व्यायाम नहीं है। योग की जो सबसे बड़ी उपलब्धि है, वो ये है कि यह आपको आपकी आत्मा तक यात्रा कराता है। विज्ञान भी कहता है कि किशोर मस्तिष्क पर शराब का सबसे बुरा असर पड़ता है। उसको लत लग जाती है। जो लोग शराब को केवल थोड़ी ताजगी के लिए पीते हैं, उन्हें जब इसकी लत लगेगी, तब ये बहुत महंगा सौदा होगा।

 आज का भगवद् चिंतन

 आनंदमय जीवन की नींव

जहाँ प्रेम होता है वहाँ परमात्मा भी जीव के बस में हो जाते हैं। प्रेम में अद्भुत सामर्थ्य है। चाहे केवट के आगे हो, चाहे शबरी के आगे हो, चाहे हनुमानजी के आगे वो, चाहे सुग्रीव के आगे हो या चाहे विभीषण के आगे हो, प्रेम के वशिभूत होकर कितनी ही बार उन प्रभु को झुकते देखा गया है। प्रभु प्रेम में झुके हैं इसलिए जो प्रेम स्वयं भगवान को झुका सकता है, वह इंसान को भी अवश्य झुका सकता है।

यदि आप दूसरों से प्रेमपूर्ण व्यवहार करते हैं तो आप उनके हृदय पर अपना आधिपत्य भी जमा लेते हैं। किसी को जीतना चाहते हैं तो प्रेम से जीतो। बल के प्रयोग से तो किसी-किसी को ही जीता जा सकता है लेकिन प्रेम द्वारा सबको जीता जा सकता है। प्रेम वो शहद है जो संबंधों को मधुर बनाता है। मधुर संबंध पारिवारिक खुशहाली को जन्म देते हैं और पारिवारिक खुशहाली ही तो एक सफल एवं आनंदमय जीवन की नींव है।

आज का विचार

.हँसते हुए लोगो की संगत सुगंध की दूकान जैसी होती है। कुछ न खरीदो तो भी शरीर तो महका ही देती है.!!

तुलसी पूजन दिवस की शुभकामनाएं

लाभकारी,गुणकारी तुलसी,
घर में समृद्धि लाती तुलसी।

रोग,दोष हो कोई पीड़ा…,
सबको दूर भगाती तुलसी।

हनुमत को ये भोग में भाए,
विष्णु की प्रिय प्यारी तुलसी।

रहे कलेश न कोई घर में…..,
जिन आंगन में महके तुलसी।

रोज सांझ जो दीप जलाते,
खुशहाली घर लाती तुलसी।

आज का पंचांग

बुधवार, दिसम्बर 25, 2024
सूर्योदय: 07:12 ए एम
सूर्यास्त: 05:31 पी एम
तिथि: दशमी – 10:29 पी एम तक
नक्षत्र: चित्रा – 03:22 पी एम तक
योग: अतिगण्ड – 09:47 पी एम तक
करण: वणिज – 09:12 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 10:29 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: मार्गशीर्ष
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: तुला
सूर्य राशि: धनु

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