पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र सायं 06 बजकर 01 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ। प्रीति योग पूर्वाह्न 10 बजकर 27 मिनट तक उपरांत आयुष्मान योग का आरंभ। तैतिल करण सायं 06 बजकर 58 मिनट तक उपरांत वणिज करण का आरंभ। चन्द्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 57 मिनट तक मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार – सोम प्रदोष व्रत।
आज का विचार
जीवन को दो तरीकों से सुखद बनाया जा सकता है। पहला यह है कि जो तुम्हें पसंद है उसे प्राप्त कर लो या दूसरा जो आपको प्राप्त है उसे पसंद कर लो.!!
आज का भगवद् चिन्तन
ज्ञान में जियें
ज्ञान का आचरण में उतरना भी आवश्यक है। जो ज्ञान आचरण में नहीं उतर पाता वह कंजूस के उस धन के समान ही है, जो तिजोरी में तो पड़ा है पर आवश्यकताओं की पूर्ति में कभी भी सहायक नहीं हो पाता है। एक ज्ञानी और संसारी में यही फर्क है कि ज्ञानी मरते हुए भी हँसता है और संसारी जीते हुए भी मरता है। ज्ञान हँसना नहीं सिखाता, बस रोने के कारणों को मिटा देता है।
ज्ञानी इसलिए हर स्थिति में प्रसन्न रहता है क्योंकि वह जानता है कि जो मुझे मिला, वो कभी मेरा था ही नहीं और जो कुछ मुझसे छूट रहा है, वह भी मेरा नहीं है। संसारी इसलिए रोता है क्योंकि उसकी मान्यताओं में जो कुछ उसे मिला है उसी का था और उसी के बल पर मिला है। जो कुछ छूट रहा है, वह सदा सर्वदा उस पर अपना अधिकार मान कर बैठा है। जीवन में अज्ञान से आसक्ति एवं आसक्ति से दुःखों का जन्म होता है।