पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज का विचार
आपका हर सपना सच हो सकता है, अगर आप उसे पाने की हिम्मत रखते है। मुसीबत सब पर आती है, कोई बिखर जाता है तो कोई निखर जाता है.!
जिन्हें जीवन में आनंद प्राप्त करना हो, उन्हें जीवन यात्रा में एक चौराहे का ज्ञान होना चाहिए। इस चौराहे को समझने के लिए हिंदी वर्णमाला के पहले चार शब्द पकड़ लीजिए- अ, आ, इ, ई। अ का मतलब अन्न, आ यानी आवेश, इ से इंद्रियां और ई से ईश्वर।आपको इतना करना है कि अन्न को संतुलन से जोड़िए। भोजन बहुत संतुलित करिए। आवेश का निपटारा सहनशीलता से किया जाए। हमारे शरीर में दस इंद्रियां हैं। सजगता से उनका उपयोग करें और ईश्वर के प्रति समर्पण भाव रखें। जब भी आपको कंफ्यूजन हो, आजकल तो लोग तकनीकी साधनों से रास्ता ढूंढ लेते हैं।लाइव लोकेशन से पहुंच जाते हैं। पर यदि इस यात्रा में आप कभी भटक जाएं तो कृष्ण जी की बात याद रखें कि प्रमाण शास्त्रों को मानना। उन्होंने गीता के 16वें अध्याय में अर्जुन से कहा- शास्त्रम् प्रमाणम् ज्ञात्वा शास्त्रविधानोक्तम् कर्म कर्तुमिहार्हसि, यानी वही काम कर जो शास्त्रों में लिखा है। सीधी-सी बात पकड़ लें और चल पढ़ें हिंदी वर्णमाला के चार अक्षरों को समझकर।
आज का भगवद् चिन्तन
जीवन का स्वर्ग
हमारे जीवन का आनंद, हमारे जीवन की शांति और हमारे जीवन की प्रसन्नता ही हमारे जीवन का वास्तविक स्वर्ग है।मरने के बाद स्वर्ग की प्राप्ति से श्रेष्ठ बात जीते जी, जीवन में स्वर्ग जैसी परिस्थितियों का निर्माण कर लेना है। सबसे प्रेमपूर्ण व्यवहार रखते हुए, छल, कपट, दंभ रहित परस्पर प्रीति, परस्पर सहयोग एवं सर्व मंगल की कामना में समाविष्ट आनंदपूर्ण जीवन ही स्वर्ग है।
जहाँ पर दूसरों के साथ छल – कपट का व्यवहार किया जाता हो, जहाँ पर नित दूसरों को गिराने की योजनायें बनाईं जाती हों और जहाँ पर ईर्ष्यावश दूसरों की उन्नति में अवरोध उत्पन्न किया जाता हो वह जीवन नरक के ही समान है। नरक अर्थात वह वातावरण जिसका निर्माण हमारी दुष्प्रवृत्तियों और हमारे दुर्गुणों द्वारा होता है और स्वर्ग अर्थात वह वातावरण जिसका निर्माण हमारी सदप्रवृत्तियों व हमारे सदगुणों द्वारा होता है।
करण
- बव – Mar 25 05:05 AM – Mar 25 04:31 PM
- बालव – Mar 25 04:31 PM – Mar 26 03:45 AM
- कौलव – Mar 26 03:45 AM – Mar 26 02:49 PM
योग
- शिव – Mar 24 04:44 PM – Mar 25 02:53 PM
- सिद्ध – Mar 25 02:53 PM – Mar 26 12:25 PM
वार
- मंगलवार
त्यौहार और व्रत
- पाप मोचनी एकादशी
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 6:29 AM
- सूर्यास्त – 6:35 PM
- चन्द्रोदय – Mar 25 3:27 AM
- चन्द्रास्त – Mar 25 2:29 PM
अशुभ काल
- राहू – 3:34 PM – 5:05 PM
- यम गण्ड – 9:31 AM – 11:02 AM
- कुलिक – 12:32 PM – 2:03 PM
- दुर्मुहूर्त – 08:54 AM – 09:43 AM, 11:20 PM – 12:08 AM
- वर्ज्यम् – 08:20 AM – 09:53 AM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 12:08 PM – 12:57 PM
- अमृत काल – 05:40 PM – 07:14 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:52 AM – 05:40 AM
आनन्दादि योग
- लुम्ब Upto – 03:49 AM
- उत्पात
सूर्या राशि
- सूर्य मीन राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – फाल्गुन
- पूर्णिमांत – चैत्र
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – चैत्र 4, 1947
- वैदिक ऋतु – शिशिर
- द्रिक ऋतु – वसंत
Auspicious Yogas
- सर्वार्थसिद्धि योग – Mar 25 04:26 AM – Mar 25 06:29 AM (Shravana and Monday)
- द्विपुष्कर योग – Mar 26 03:49 AM – Mar 26 06:28 AM (Dhanishta, Tuesday and KrishnaDwadashi)
Chandrashtama
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