पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि, दो महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों के पालन के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
आज गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा अर्चना के लिए है. इस दिन आप इन दोनों की विधि विधान से पूजा-अर्चना करके अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा से विवाह में होने वाली देरी दूर होती है. जिनको कार्यों में सफलता नहीं मिलती है, काम का यश प्राप्त नहीं होता है, ऐसे लोगों को गुरुवार व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. यदि आप गुरुवार को पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं या व्रत नहीं रख सकते हैं, तो इस दिन कुछ वस्तुओं का दान करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
गुरुवार को इन चीजों का करें दान
- गुरुवार के विष्णु भगवान को पीली चीजों का भोग लगाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को केले और पीले रंग की मिठाई का भोग लगा कर इस प्रसाद को गरीबों में बांट देना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और नौकरी और व्यापार से जुड़ी समस्याएं दूर होती है.
- इस दिन किसी ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्रों का दान करना पुण्यकारी होता है. ऐसा करने से कार्यों में आ रही सारी रुकावटें दूर होती हैं और सारे काम बनने लगते हैं.
- गुरुवार के दिन स्नान और पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को चने की दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, पीले फूल, कांसे या पीतल के बर्तन या सोने का दान करना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और कभी भी खाने-पीने या पैसे की कमी नहीं होती.
- बृहस्पतिवार के दिन गरीबों को चावल और दाल बांटने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
- गुरुवार के दिन हल्दी का दान करना शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार गुरुवार के दिन हल्दी के दान से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
आज का विचार
व्यक्ति के व्यक्तित्व को दो शब्द परिभाषित करते है, धैर्य और दूसरा आपका व्यवहार। जिसकी प्रेरणा से आपका चरित्र बदल जाय, वही आपका श्रेष्ठ गुरु है.!!
आज का भगवद् चिन्तन
सज्जनता धारण करें
दूसरों द्वारा प्रतिकूल व्यवहार करने पर भी आपके आचरण की मर्यादा बनी रहे, इसी का नाम सज्जनता है। सम्मान और सत्कार पाने पर तो साधारण से साधारण मनुष्य भी प्रसन्न हो सकता है। प्रसंशा प्राप्त होने पर सामने वाले को मुस्करा कर धन्यवाद देना ये काम तो कोई भी कर सकता है पर किसी के अभद्र व्यवहार करने पर भी सहजता को धारण किए रहना, यह सज्जनों का लक्षण है।
जो दूसरों से त्रास प्राप्त होने पर भी विनम्रता पूर्वक सब सहन करते हुए उसके मंगल का भाव रखे, यही सज्जनता है। सज्जन का अर्थ सम्मानित व्यक्ति नहीं अपितु सम्मान की इच्छा से रहित व्यक्तित्व है। जो सदैव शीलता और प्रेम रुपी आभूषणों से सुसज्जित है, वही सज्जन है। जो हर परिस्थिति में प्रसन्न रहे और दूसरों को भी प्रसन्न रखने का भाव रखे वही सज्जन है।
सूर्योदय और चंद्रोदय
सूर्योदय | 05:55 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त | 06:12 अपराह्न |
चंद्रोदय | 05:00 पूर्वाह्न, 28 मार्च |
चंद्रास्त | 04:04 अपराह्न |
कैलेंडर
तिथि | त्रयोदशी रात्रि 11:03 बजे तक |
नक्षत्र | शतभिषा 12:34 AM, मार्च 28 तक |
योग | साध्या 09:25 AM तक |
करण | गैराज दोपहर 12:27 बजे तक |
काम करने के दिन | गुरूवार |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
चन्द्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2081 पिंगला |
संवत्सर | पिंगला 02:14 PM, अप्रैल 29, 2024 तक |
शक संवत | 1946 क्रोधी |
गुजराती संवत | 2081 नाला |
चन्द्रमासा | चैत्र – पूर्णिमांत |
दायाँ/गेट | 14 |
राशि और नक्षत्र
राशि | कुम्भ |
नक्षत्र पद | शतभिषा 08:04 AM तक |
सूर्य राशि | मीना |
सूर्य नक्षत्र | उत्तरा भाद्रपद |
सूर्य पद | उत्तरा भाद्रपद 05:13 AM, मार्च 28 तक |
रितु और अयाना
द्रिक ऋतु | वसंत (वसंत) |
वैदिक ऋतु | शिशिर (शीतकालीन) |
ड्रिक अयाना | उत्तरायण |
वैदिक अयन | उत्तरायण |