पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज चैत्र माह नवरात्र पांचवा दिवस है।
सूर्योदय और चंद्रोदय | |
सूर्योदय | 05:48 पूर्वाह्न ☀️ |
सूर्यास्त | 06:15 अपराह्न 🌇 |
चंद्रोदय | 08:26 पूर्वाह्न 🌕 |
चंद्रास्त | 10:51 अपराह्न 🌑 |
कैलेंडर
तिथि | नक्षत्र |
पंचमी 🌕 रात्रि 11:49 बजे तक | कृतिका 🌌 08:49 AM तक |
षष्ठी 🌕 | रोहिणी 🌌 |
योग | करण |
प्रीति 💫 06:07 AM तक | बावा 🌌 01:07 PM तक |
आयुष्मान 💫 प्रातः 02:50 बजे तक, 03 अप्रैल | बलव 🌌 11:49 PM तक |
सुप्रभात 💫 | कौलव 🌌 |
काम करने के दिन | बुधवार 🗓️ |
पक्ष | शुक्ल पक्ष 🌕 |
चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | संवत्सर | शक संवत | चन्द्रमासा |
2082 कलायुक्त 🗓️ | कालयुक्त 🗓️ अपराह्न 03:07 बजे तक, 25 अप्रैल, 2025 | 1947 विश्वावसु 🗓️ | चैत्र – पूर्णिमांत 🌕 |
गुजराती संवत | दायाँ/गेट | संवत्सर | चन्द्रमासा |
2081 नाला 🗓️ | 20 🗓️ | सिद्धार्थी 🗓️ | चैत्र – अमंता 🌕 |
राशि और नक्षत्र
राशि | नक्षत्र पद | सूर्य राशि | नक्षत्र पद |
वृषभ ♉️ | कृतिका 🌌 08:49 AM तक | मीना ♓️ | रोहिणी 🌌 दोपहर 02:20 बजे तक |
सूर्य नक्षत्र | सूर्य पद | ||
रेवती 🌌 | रेवती 🌌 | ||
रोहिणी 🌌 07:52 PM तक | |||
रोहिणी 🌌 01:26 AM, अप्रैल 03 तक | |||
रोहिणी 🌌 |
आज का विचार
धन का अभाव और मन की व्यथा, अपमान भरे शब्द और घर का भेद। यह चार बातें कभी बाहर प्रकट नहीं करने चाहिये.!!
आज का भगवद् चिन्तन
माँ स्कन्दमातायै नमोस्तुते
दुनिया में केवल शक्ति सम्पन्न होने मात्र से ही कोई भी पूज्यनीय और वन्दनीय नहीं बन जाता है अपितु उस शक्ति का सही प्रयोग और समय पर प्रयोग करने वालों को ही युगों – युगों तक स्मरण रखा जाता है। केवल सामर्थ्यवान होना पर्याप्त नहीं है अपितु उस सामर्थ्य को लोक मंगल एवं लोक कल्याण में लगाना ही जीवन की परम श्रेष्ठता एवं सार्थकता है।
अथाह शक्ति सम्पन्न होने पर भी माँ दुर्गा ने अपनी सामर्थ्य का प्रयोग कभी भी किसी निर्दोष को दण्डित करने हेतु नहीं किया बल्कि केवल और केवल आसुरी वृत्तियों के नाश के लिए ही किया।शक्ति का गलत दिशा में प्रयोग ही तो पाप है।
साधन शक्ति सम्पन्न हो जाने पर कायर बनकर चुप बैठ जाना यह भी एक प्रकार से असुरत्व को बढ़ाने जैसा ही है। अपनी समस्त शक्ति व साधनों को मानवता की रक्षा में लगाने की प्रेरणा हमें माँ जग जननी भगवती से लेनी होगी। नवरात्रि के पंचम दिवस में माँ के ” स्कन्दमाता ” स्वरुप का पूजन व वंदन किया जाता है।