पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
कैलेंडर
तिथि | चतुर्थी दोपहर 03:23 बजे तक |
नक्षत्र | अनुराधा 05:55 AM तक |
पंचमी | |
ज्येष्ठ | |
योग | वरियाना 12:50 पूर्वाह्न तक , 18 अप्रैल |
करण | बलवा 03:23 PM तक |
परिघा | |
कौलव 04:18 AM, अप्रैल 18 तक | |
काम करने के दिन | गुरूवार |
शीर्षक | |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2082 कलायुक्त |
संवत्सर | कालायुक्त 03:07 अपराह्न, 25 अप्रैल 2025 तक |
शक संवत | 1947 विश्वावसु |
सिद्धार्थ | |
गुजराती संवत | 2081 नाला |
चन्द्रमासा | वैशाख – पूर्णिमांत |
दायाँ/गेट | 4 |
चैत्र – अमंता |
आज का विचार
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़ें। क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय अक्सर बदल जाती है.!
आज का भगवद् चिंतन
बाँटना भी सीखिए
स्वयं की इच्छा से किसी वस्तु अथवा पदार्थ को छोड़ना त्याग तथा स्वयं की इच्छा न होते हुए किसी वस्तु अथवा पदार्थ का छूट जाना नाश कहलाता है। त्याग और नाश ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रकृति का अपना एक शाश्वत नियम है कि यहाँ मान, पद, प्रतिष्ठा, वैभव कुछ भी और कभी भी शाश्वत नहीं रहता है। जो बाँटना नहीं जानते समय उनसे लेना जानता है।
जिन फलों को वृक्ष द्वारा बाँटा नहीं जाता एक समय उन फलों में अपने आप सड़न आने लगती है और वो सड़कर वृक्ष को भी दुर्गंधयुक्त कर देते हैं। इसी प्रकार समय आने पर प्रकृति द्वारा सब कुछ स्वतः ले लिया जायेगा, अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप बाँटकर अपने यश और कीर्ति की सुगंधी को बिखेरना चाहते या संभालकर संग्रह और आसक्ति की दुर्गंध को रखना चाहते हैं।