आज का पंचांग:वैशाख अमावस्या कल, मोक्ष और मनोकामनाओं की पूर्ति का पावन पर्व

पंडित उदय शंकर भट्ट

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

कैलेंडर

तिथित्रयोदशी 08:27 AM तक
चतुर्दशी प्रातः 04:49 बजे तक , 27 अप्रैल
नक्षत्रउत्तरा भाद्रपद प्रातः 06:27 बजे तक
रेवती 03:39 AM, अप्रैल 27 तक
अश्विनी
योगवैधृति 08:42 AM तक
विश्कम्भ प्रातः 04:35 बजे तक , 27 अप्रैल
प्रीति
करणवनीजा 08:27 AM तक
विष्टि सायं 06:40 बजे तक
शकुनि 04:49 AM, अप्रैल 27 तक
काम करने के दिनशनिवारा
चतुष्पद
पक्षकृष्ण पक्ष

चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर📅

विक्रम संवत2082 कालयुक्त
संवत्सरकालयुक्त 03:07 अपराह्न, 25 अप्रैल 2025 तक
शक संवत1947 विश्वावसु
सिद्धार्थी
गुजराती संवत2081 नाला
चन्द्रमासावैशाख – पूर्णिमांत
दायाँ/गेट13
चैत्र – अमंता

राशि और नक्षत्र

राशिमीन 03:39 AM, अप्रैल 27 तक
मेशा
नक्षत्र पदउत्तरा भाद्रपद प्रातः 06:27 बजे तक
रेवती 11:47 AM तक
रेवती 05:05 PM तक
रेवती 10:22 PM तक
रेवती 03:39 AM, अप्रैल 27 तक
अश्विनी
सूर्य राशिमेशा
सूर्य नक्षत्रअश्विनी
सूर्य पदअश्विनी

कल रविवार, 27 अप्रैल को वैशाख मास की अमावस्या है। इसका नाम है सतुवाई अमावस्या। इस पर्व पर सत्तु दान और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं, ऐसा करने से घर पर नदी स्नान के समान पुण्य मिल सकता है।

वैशाख माह की अमावस्या पर पूजा-पाठ करने के साथ ही पानी का दान करने का विशेष महत्व है, क्योंकि अभी गर्मी का समय है और गर्मी के दिनों में पानी पिलाने का काम अक्षय पुण्य देता है। इस अमावस्या पर किसी सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवा सकते हैं। अगर ये संभव न हो तो किसी प्याऊ में मटके का दान करें और पानी की व्यवस्था करवाएं। अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी भी रखें।

जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

रविवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। सूर्य के लिए गुड़ का दान करें। किसी मंदिर में पूजा-पाठ में काम आने वाले तांबे के बर्तन दान कर सकते हैं।

इन दिनों में गर्मी काफी अधिक रहती है। इसलिए जरूरतमंद लोगों को खाना और पानी दान करें। सार्वजनिक जगहों पर पेड़-पौधों को पानी दें।

किसी शिव मंदिर में शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाएं। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करें। वैशाख माह में शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाने का महत्व काफी अधिक है। इन दिनों में शिवलिंग पर मिट्टी के कलश से जल की धारा गिराई जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से शिव जी को शीतलता मिलती है और वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शिव जी की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाधाएं दूर होती हैं।

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