पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज बुद्ध जयंती है। इस दिन बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारने का संकल्प लेंगे तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। अधिकतर लोग काम की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन जल्दी ही धैर्य खो बैठते हैं। परिणामस्वरूप न तो किसी प्रयास में गहराई तक जा पाते हैं और न ही सफलता मिलती है। गौतम बुद्ध ने एक प्रसंग में बताया है सफलता कैसे मिल सकती है… जानिए ये प्रसंग…
गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ा एक प्रसिद्ध प्रसंग है जो आज भी हमें एक बड़ा जीवन मंत्र सिखाता है। एक बार बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गांव की ओर उपदेश देने जा रहे थे। रास्ते में शिष्यों ने देखा कि धरती पर कई जगह गड्ढे खुदे हुए थे। यह दृश्य हैरान करने वाला था। उनमें से एक शिष्य ने उत्सुकतावश बुद्ध से पूछा, “इन गड्डों का क्या रहस्य है, तथागत? किसने और क्यों इतनी जगह खुदाई की है?”
बुद्ध मुस्कराए और उत्तर दिया, “किसी व्यक्ति ने पानी की तलाश में इन गड्डों को खोदा है। वह हर जगह थोड़ी-थोड़ी खुदाई करता, लेकिन जब पानी नहीं मिला तो दूसरी जगह चला जाता। यदि वह एक ही स्थान पर लगातार खुदाई करता, तो अवश्य ही पानी निकल आता।”
धैर्य और निरंतरता है सफलता का रहस्य
बुद्ध की ये बात केवल पानी की तलाश तक सीमित नहीं है। यह हमारे जीवन की कई वास्तविकताओं पर लागू होती है। हम जब किसी लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो शुरुआत में जोश से भरपूर होते हैं, लेकिन जैसे ही कठिनाइयां आती हैं, हम नई राह चुन लेते हैं, सोचते हैं शायद वहां सफलता जल्दी मिल जाए। ये प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है, और अंततः हम थक कर बैठ जाते हैं।
बुद्ध ने इस कहानी के माध्यम से अपने शिष्यों को यह सिखाया कि केवल मेहनत काफी नहीं है। अगर आप सफल होना चाहते हैं तो धैर्य रखना बेहद जरूरी है। कई बार सफलता देरी से मिलती है, लेकिन वह इंतजार उस मेहनत का सबसे मूल्यवान फल होता है।
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – बैशाख
- अमांत – बैशाख
तिथि
- शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – May 11 08:02 PM – May 12 10:25 PM
- कृष्ण पक्ष प्रतिपदा – May 12 10:25 PM – May 14 12:36 AM
नक्षत्र
- स्वाति – May 11 03:15 AM – May 12 06:17 AM
- विशाखा – May 12 06:17 AM – May 13 09:09 AM
करण
- विष्टि – May 11 08:02 PM – May 12 09:15 AM
- बव – May 12 09:15 AM – May 12 10:25 PM
- बालव – May 12 10:25 PM – May 13 11:32 AM
योग
- वरीयान – May 12 05:00 AM – May 13 05:52 AM
वार
- सोमवार
त्यौहार और व्रत
- पूर्णिमा व्रत
- पूर्णिमा
- कूर्म जयंती
- चैत्र पूर्णिमा
- सत्य व्रत
- बुद्ध पूर्णिमा (बुद्ध जयंती)
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:51 AM
- सूर्यास्त – 6:55 PM
- चन्द्रोदय – May 12 6:51 PM
- चन्द्रास्त – May 13 5:49 AM
अशुभ काल
- राहू – 7:29 AM – 9:07 AM
- यम गण्ड – 10:45 AM – 12:23 PM
- कुलिक – 2:01 PM – 3:39 PM
- दुर्मुहूर्त – 12:49 PM – 01:41 PM, 03:26 PM – 04:18 PM
- वर्ज्यम् – 12:33 PM – 02:20 PM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM – 12:49 PM
- अमृत काल – 11:18 PM – 01:05 AM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:14 AM – 05:02 AM
आनन्दादि योग
- छत्र Upto – 06:17 AM
- मित्र
सूर्या राशि
- सूर्य मेष राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा मई 13, 02:27 AM तक तुला राशि उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा
आज का भगवद् चिंतन
दुःख सहना व सुख पचाना सीखें
सुख व्यक्ति के अहंकार की परीक्षा लेता है तो दुःख व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा लेता है। दोनों परीक्षा में उत्तीर्ण व्यक्ति का जीवन ही एक सफल जीवन कहलाता है। जीवन का एक साधारण सा नियम है कि सुख आता है तो वह अपने साथ अहंकार भी लेकर आता है। रावण, कंस अथवा दुर्योधनादि कौरव, इन सबके जीवन की एक ही कहानी है, कि जीवन में जितना सुख और विलास आया उतना अभिमान भी बढ़ता चला गया।
दु:ख में बड़े-बड़े महारथियों का धैर्य टूटते देखा गया है। दुःखों के प्रवाह में धैर्य का बांध उसी प्रकार टूट जाता है जैसे बरसाती नदी के वेग में लकड़ी का छोटा सा पुल। सुख के क्षणों में अहंकार को जीतने वाला और दुख के क्षणों में धैर्य धारण करने वाला ही वास्तव में इस जीवन रूपी महासंग्राम का एक सफल योद्धा है। दु:ख सहना ही नहीं अपितु सुख पचाना भी जीवन की एक कला है।