पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- अमांत – बैशाख
तिथि
- कृष्ण पक्ष त्रयोदशी – May 24 07:20 PM – May 25 03:51 PM
- कृष्ण पक्ष चतुर्दशी – May 25 03:51 PM – May 26 12:12 PM
नक्षत्र
- अश्विनी – May 24 01:48 PM – May 25 11:12 AM
- भरणी – May 25 11:12 AM – May 26 08:23 ऍम
करण
- वणिज – May 25 05:38 AM – May 25 03:51 PM
- विष्टि – May 25 03:51 PM – May 26 02:02 AM
- शकुनि – May 26 02:02 AM – May 26 12:12 PM
योग
- सौभाग्य – May 24 03:00 PM – May 25 11:06 AM
- शोभन – May 25 11:06 AM – May 26 07:01 AM
वार
- रविवार
त्यौहार और व्रत
- मास शिवरात्रि
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:46 AM
- सूर्यास्त – 7:01 PM
- चन्द्रोदय – May 25 3:47 AM
- चन्द्रास्त – May 25 5:17 PM
अशुभ काल
- राहू – 5:22 PM – 7:01 PM
- यम गण्ड – 12:23 PM – 2:03 PM
- कुलिक – 3:42 PM – 5:22 PM
- दुर्मुहूर्त – 05:15 PM – 06:08 PM
- वर्ज्यम् – 07:38 AM – 09:04 AM, 07:40 PM – 09:05 PM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM – 12:50 PM
- अमृत काल – 04:47 AM – 06:13 AM, 04:08 AM – 05:33 AM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:09 AM – 04:57 AM
आनन्दादि योग
- आनन्द Upto – 11:12 AM
- कालदण्ड
सूर्या राशि
- सूर्य वृषभ राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा मेष राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – बैशाख
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – ज्येष्ठ 4, 1947
- वैदिक ऋतु – वसंत
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म
Auspicious Yogas
- सर्वार्थसिद्धि योग – May 25 05:46 AM – May 25 11:12 AM (Ashwini and Sunday)
Chandrashtama
- 1. Uttara Phalguni Last 3 padam, Hasta , Chitra First 2 padam
हमारी बड़ी-बूढ़ी माताएं-बहनें कहा करती थीं कि भोजन बनाने में हड़बड़ाहट नहीं करनी चाहिए, नहीं तो उसका स्वाद चला जाता है। आज की भाषा में कहें तो भोजन बनाने में टाइमिंग का बड़ा महत्व है। पूरी दुनिया में हम भारत के लोग ही हैं, जिन्होंने अन्न को बड़े अच्छे ढंग से ढाला है।
हम जो अन्न लाते हैं, उसे साफ-सुथरा करके भोजन बनाते हैं। फिर उसी भोजन को भोग लगाते हैं। किसी की ईश्वरीय-शक्ति को अर्पित करते हैं। तब वही भोग प्रसाद बन जाता है। फिर वह बांटा जाता है, प्राप्त किया जाता है। लेकिन दुःख होता है कि हमारे देश में भी लोग अन्न का महत्व भूल रहे हैं।
जैसे सफलता के साइड-इफेक्ट्स होते हैं, प्रतिभा का साइलेंट-इफेक्ट होता है, ऐसे ही अन्न का सॉलिड-इफेक्ट होता है। भारत के परिवारों में इस समय जब हम बच्चों के लालन-पालन को लेकर चिंतित हैं तो हमें एक उपाय करना चाहिए कि बच्चों के भोजन को लेकर सावधान रहिए। जितना अच्छा, शुद्ध, संस्कारी भोजन हम बच्चों को देंगे, उनके व्यक्तित्व