वृंदावन: उत्तर प्रदेश में गोशालाओ को स्वावलंबी बनाने के लिए के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग, पंचगव्य विद्यापीठम् और और पंचगव्य डॉक्टर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 6 जनवरी को वृंदावन में बैठक की जाएगी। इसमें गौशालाओं को उद्योग से जोड़ना, पंचगव्य उत्पाद निर्माण और पंचगव्य चिकित्सालय निर्माण पर चर्चा की जाएगी। साथ ही “गोवंश और गौशालाओं के प्रति लोगों की सोच, मानसिकता बदले” विषय पर व्याख्यान भी किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग, पंचगव्य विद्यापीठम् और पंचगव्य डॉक्टर एसोसिएशन की करवाई रंग लाई तो जल्द ही उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की दशा बदल जाएगी। इसके लिए आगामी 6 जनवरी को वृन्दावन के पानीघाट परिक्रमा मार्ग, पीली कोठी उमा कल्याण ट्रस्ट गौधाम आश्रम में एक बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं को उद्योग से जोड़ना, पंचगव्य उत्पादन, पंचगव्य चिकित्सालय निर्माण पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता सहित सभी पदाधिकारी और वक्ता के रूप में पंचगव्य विद्यापीठम् के गुरुकुलपति निरंजन वर्मा मौजूद रहेंगे।
यह बैठक दो सत्रों में आहूत की गयी है। पहले सत्र में गौशालाओं को तकनीकी रूप से जोड़ने और दूसरे सत्र में गौशालाओं के प्रति लोगों की सोच मानसिकता बदले विषय पर व्याख्यान रखा गया है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं के संचालको से भागिदारी करने का आह्वान किया गया। बता दे की इससे पूर्व भी पिछले दिनों लखनऊ में एक सफल बैठक का आयोजन किया जा चुका है। यह दूसरी बैठक सफल रही तो आगामी 1 साल के भीतर उत्तर प्रदेश की 75 गौशालाओं में यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा। गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पंचगव्य उत्पादन का का निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही हर जनपद में एक पंचगव्य उत्पाद चिकित्सा सेवा केंद्र भी खोला जाएगा। इस पूरे प्रकल्प में अधिकांश महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी