पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082, शक संवत विश्वावसु 1947, ज्येष्ठ |आज है सत्य व्रत, देव स्नान पूर्णिमा, कबीर जयंती और पूर्णिमा|
आज पूर्णिमा तिथि 01:13 PM तक उपरांत प्रतिपदा | नक्षत्र ज्येष्ठा 08:10 PM तक उपरांत मूल | साध्य योग 02:03 PM तक, उसके बाद शुभ योग | करण बव 01:13 PM तक, बाद बालव 01:54 AM तक, बाद कौलव | आज राहु काल का समय 12:26 PM – 02:07 PM है | आज 08:10 PM तक चन्द्रमा वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा |
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- अमांत – ज्येष्ठ
तिथि
- शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – Jun 10 11:35 AM – Jun 11 01:13 PM
- कृष्ण पक्ष प्रतिपदा – Jun 11 01:13 PM – Jun 12 02:28 PM
नक्षत्र
- ज्येष्ठा – Jun 10 06:01 PM – Jun 11 08:10 PM
- मूल – Jun 11 08:10 PM – Jun 12 09:57 PM
करण
- बव – Jun 11 12:27 AM – Jun 11 01:13 PM
- बालव – Jun 11 01:13 PM – Jun 12 01:54 AM
- कौलव – Jun 12 01:54 AM – Jun 12 02:28 PM
योग
- साध्य – Jun 10 01:44 PM – Jun 11 02:03 PM
- शुभ – Jun 11 02:03 PM – Jun 12 02:04 PM
वार
- बुधवार
त्यौहार और व्रत
- सत्य व्रत
- देव स्नान पूर्णिमा
- कबीर जयंती
- पूर्णिमा
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:44 AM
- सूर्यास्त – 7:08 PM
- चन्द्रोदय – Jun 11 7:32 PM
- चन्द्रास्त – Jun 12 6:07 AM
अशुभ काल
- राहू – 12:26 PM – 2:07 PM
- यम गण्ड – 7:25 AM – 9:05 AM
- कुलिक – 10:46 AM – 12:26 PM
- दुर्मुहूर्त – 11:59 AM – 12:53 PM
- वर्ज्यम् – 04:45 AM – 06:28 AM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – Nil
- अमृत काल – 10:33 AM – 12:18 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:08 AM – 04:56 AM
आनन्दादि योग
- ध्वांक्ष Upto – 08:10 PM
- ध्वजा (केतु)
सूर्या राशि
- सूर्य वृषभ राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा जून 11, 08:10 PM तक वृश्चिक राशि उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा
चन्द्र मास
- अमांत – ज्येष्ठ
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – ज्येष्ठ 21, 1947
- वैदिक ऋतु – ग्रीष्म
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म
आज का विचार
सुख – दुःख जीवन का हिस्सा है, हर पल का आनंद उठाओ, हर मानव के दर्द को समझो, हर रिश्ते को सहज निभाओ। जीवन आज है इसी क्षण है, दोबारा नहीं मिलने वाला.!!_
आज का भगवद् चिन्तन
स्रोत की शुद्धता
प्रकृति द्वारा शांति प्राप्त करने का सबको समानाधिकार दिया गया है। यदि शांति केवल धन से प्राप्त हो पाती तो वह अमीरों की जागीर बनकर रह जाती। अपने जीवन में कोई कितना ही धनवान क्यों न हो, लेकिन शांति को खरीद नहीं सकता और दुःखों को बेच नहीं सकता है। धन सुख के साधनों को तो उपलब्ध करा देता है, लेकिन शांति के साधनों को उपलब्ध नहीं करा पाता है। शांति का संबंध धन से नहीं अपितु हमारे धर्मयुक्त जीवन से है।
जिस प्रकार जल का स्रोत ही विषाक्त होने पर पात्र की शुद्धता का कोई महत्व नहीं रह जाता, वह रोगों को ही जन्म देने वाला है। ठीक ऐसे ही धन के अर्जन का स्रोत दूषित रहने पर वह भी जीवन की अशांति का कारण ही बनने वाला है। गलत मार्गों से अर्जित धन किसी मनुष्य को बाहर से समस्त सुख साधनों को उपलब्ध करवा कर भी भीतर से अतृप्त ही रखता है। यदि हमारी कमाई का मार्ग पवित्र है तो धन भले थोड़ा कम रहे, लेकिन जीवन में शांति अवश्य रहेगी।