किशोर ने तोड़ी खामोशी : बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर बोले-उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए बीजेपी ज्वाइन की

देहरादून।

Uttarakhand

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। सुबह ही कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर उपाध्याय को 6 साल के लिए निलंबित किया था।

बताते चलें कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय किसी दूसरे दल का दामन थामने या कांग्रेस में उन्हें लेकर उपजे अविश्वास को खत्म करने नए सिरे से सक्रिय होने को लेकर मंथन कर रहे थे। 40 साल से ज्यादा समय से पार्टी से जुड़े किशोर पार्टी के अन्य नेताओं के रवैये से आहत होकर सियासी खामोश हो गए थे।

गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद खामोशी तोड़ते हुए किशोर उपाध्याय ने कहा, ‘उत्तराखंड की रक्षा, देश की रक्षा तभी संभव है जब उत्तराखंड खुशहाल रहेगा, सुखी रहेगा। उस भावना को लेकर लंबे समय से मेरी चर्चा हुई वनाधिकारों को लेकर। मुझे विश्वास है कि मेरी भावनाओं को संरक्षण इन साथियों से और प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलेगा।’

किशोर ने कहा कि उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड भाजपा ज्वाइन की है। भाजपा ज्वाइन करने के पीछे की वजह पर किशोर ने कहा कांग्रेस पार्टी से इसकी असली वजह पूछी जानी चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस का ‘हाथ’ क्यों छोड़ा। कहा कि वह बीजेपी की विचारधार को आमजन तक पहुंचाएंगे।

 

44 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं किशोर
किशोर उपाध्याय वर्ष 1978 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पार्टी के साथ उनका लंबा साथ रहा है। वर्ष 2002 और वर्ष 2007 में वे टिहरी से विधायक रहे। वर्ष 2012 में वे टिहरी से चुनाव हार गए थे। 2017 में वे अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़ कर चुनाव लड़ने देहरादून सहसपुर सीट पर पहुंचे। यहां से भी उन्हें हार मिली। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वे 1991 से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे।

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